विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Sep 05, 2022

Teacher’s Day: हम 5 सितंबर को शिक्षक दिवस क्यों मनाते हैं?, पूछा जा सकता है परीक्षा में ये प्रश्न, आप जानते हैं आंसर?

हम हर वर्ष 5 सितंबर को टीचर्स डे के रूप में मनाते हैं, लेकिन इस दिन ही शिक्षक दिवस मानाने के पीछे का कारण बहुत कम लोग जानते हैं. आज हम आपको बताएंगे आखिर इस दिन इस ऐसा क्या खास था

Read Time: 3 mins
Teacher’s Day: हम 5 सितंबर को शिक्षक दिवस क्यों मनाते हैं?, पूछा जा सकता है परीक्षा में ये प्रश्न, आप जानते हैं आंसर?
Teacher’s Day: आज हम आपको बताएंगे आखिर इस दिन इस ऐसा क्या खास था जो इसी दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता है.

Teacher's Day: हम हर वर्ष 5 सितंबर को टीचर्स डे के रूप में मनाते हैं, लेकिन इस दिन ही शिक्षक दिवस मानाने के पीछे का कारण बहुत कम लोग जानते हैं. आज हम आपको बताएंगे आखिर इस दिन इस ऐसा क्या खास था जो इसी दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता है. दरअशल 5 सितंबर एक महान शिक्षक डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr Sarvepalli Radhakrishnan) की जयंती है, जो शिक्षक के साथ साथ एक प्रसिद्ध राजनयिक, विद्वान, भारत के राष्ट्रपति भी थे. जब उनके कुछ छात्रों और दोस्तों ने उनसे संपर्क किया और उनसे उनका जन्मदिन मनाने की अनुमति देने का अनुरोध किया, तो उन्होंने कहा, "मेरा जन्मदिन अलग से मनाने के बजाय, यह मेरे लिए गर्व की बात होगी अगर 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए". तभी से भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teacher's Day) के रूप में मनाया जाने लगा.

इन Government Jobs में 12वीं और ग्रेजुएशन पास महिलाऐं बना सकती हैं बेहतर करियर, देखें डिटेल्स

वर्ष 1965 में, स्वर्गीय डॉ एस राधाकृष्णन (Dr S. Radhakrishnan) के कुछ प्रमुख छात्रों ने उस महान शिक्षक को सम्मान देने के लिए एक सभा का आयोजन किया. उस सभा में, अपने भाषण में, डॉ राधाकृष्णन ने अपनी जयंती समारोह के बारे में गहरी आपत्ति व्यक्त की और इस बात पर जोर दिया कि उनकी जयंती को भारत और बांग्लादेश के अन्य महान शिक्षकों को सम्मान देने के लिए 'शिक्षक दिवस (Teacher's Day)' के रूप में मनाया जाना चाहिए. वर्ष 1967 से लेकर आज तक प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है.

Personality Development Tips: जीवन में बनना चाहते हैं Successful तो इन आदतों को अपनाना है जरुरी

डॉ राधाकृष्णन चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज और कलकत्ता विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर भी थे. वह अपने छात्रों के बीच बहुत लोकप्रिय थे और एक शानदार शिक्षक के रूप में देखे जाते थे. बाद में, वह आंध्र विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) दोनों के कुलपति बने. 1939 में, उन्हें ब्रिटिश अकादमी का फेलो चुना गया. उन्होंने 1926, 1929 और 1930 में मैनचेस्टर कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में एक व्याख्याता (lecturer) के रूप में भी काम किया. 1930 में उन्हें शिकागो विश्वविद्यालय में कंपरेटिव रिलिजन में हास्केल व्याख्याता (Haskell lecturer) नियुक्त किया गया. 

IAS Success Story: 4 महीने पढाई करके पहले एटेम्पट में क्रैक कर दिया UPSC, मार्कशीट देख हैरान हो गए Aspirants

आज सुबह 8 बजे की बड़ी खबरों पर नजर: 19 अगस्त, 2022

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
UPSSSC JE 2024 रजिस्ट्रेशन की बढ़ गई डेट, 13 हजार से अधिक पदों के लिए इस तारीख तक भरे जाएंगे फॉर्म
Teacher’s Day: हम 5 सितंबर को शिक्षक दिवस क्यों मनाते हैं?, पूछा जा सकता है परीक्षा में ये प्रश्न, आप जानते हैं आंसर?
DSSSB नर्सिंग ऑफिसर और फार्मासिस्ट के 1800 से अधिक पदों पर आवेदन का आखिरी मौका, एज लिमिट 21 से 35 साल
Next Article
DSSSB नर्सिंग ऑफिसर और फार्मासिस्ट के 1800 से अधिक पदों पर आवेदन का आखिरी मौका, एज लिमिट 21 से 35 साल
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;