Upsc IAS Success Story: हिंदी मीडियम से पढाई और पिता के साथ की खेती, फिर भी Ravi Kumar Sihag ने 3 बार क्रैक किया CSE

Upsc Success Story of IAS Ravi Kumar Sihag: हिंदी मीडियम से पढाई करने के बावजूद रवि कुमार सिहाग ने 3 बार क्रैक किया UPSC CSE. 18वीं रैंक हासिल करने के बाद बन पाए आईएएस ऑफिसर.

Upsc IAS Success Story: हिंदी मीडियम से पढाई और पिता के साथ की खेती, फिर भी Ravi Kumar Sihag ने 3 बार क्रैक किया CSE

IAS Success Story: आज के सक्सेस स्टोरी में हम बात करेंगे आईएएस ऑफिसर रवि कुमार सिहाग की, जिन्होंने हिंदी मीडियम से पढाई करने का बावजूद देश के सबसे कठिन माने जाने वाली यूपीएससी सीएसई परीक्षा को एक नहीं दो नहीं, तीन बार क्रैक किया.

Upsc IAS Success Story: जब भी यूपीएससी की तैयारी की बात होती है, सबसे पहला प्रश्न यही उठता है कि पढाई किस मीडियम से करना जरुरी है, ट्युसन कहां से लें, तैयारी कैसे करें. आज इन्ही सवालों के जवाब हम इस लेख में लेकर आए हैं. आज के सक्सेस स्टोरी में हम बात करेंगे आईएएस ऑफिसर रवि कुमार सिहाग की, जिन्होंने हिंदी मीडियम से पढाई करने का बावजूद देश के सबसे कठिन माने जाने वाली यूपीएससी सीएसई परीक्षा को एक नहीं दो नहीं, तीन बार क्रैक किया. रवि आईएएस बनाना चाहते थे पर 2 बार रैंक अच्छा न होने के कारण उनका IAS बनाने का सपना अधूरा रह गया, फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और तीसरे प्रयास में 18वीं रैंक हासिल कर अपना आईएएस बनने का सपना पूरा किया. 

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किसान परिवार में जन्मे थे रवि 

आईएएस रवि कुमार सिहाग राजस्थान के श्री गंगा नगर जिले के रहने वाले हैं. रवि के पिता एक साधारण किसान हैं और इनका पूरा परिवार खेती और किसानी से जुड़ा हुआ है. रवि जब ग्रेजुएशन की पढाई कर रहे थे तब वे खेती करने में अपने पिता का भरपूर सहयोग किया करते थे. 

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भाषा भी नहीं बन पाई रुकावट 

UPSC 2021 की सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन में रवि कुमार सिहाग ने 18वीं रैंक हासिल किया था. हिंदी मीडियम में यह अब तक का सबसे बेहतर रैंक है. रवि ने अपनी भाषा को कभी भी तैयारी के बीच में नहीं आने दिया और न ही किसी प्रकार का बाधा उत्पन्न करने दिया. रवि का कहना है कि यदि सही दिशा और दशा में रहकर परिश्रम किया जाए तो इस परीक्षा को किसी भी भाषा में क्रैक किया जा सकता है. उनके अनुसार हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा को भी पढ़ना महत्वपूर्ण है, क्योंकि कामकाज और अन्य स्थानों पर अंग्रेजी के उपयोग को नाकारा नहीं जा सकता है.  

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