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This Article is From Jul 07, 2020

69000 शिक्षक भर्ती मामला : यूपी सरकार को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका सुनने से इनकार किया

यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती मामले राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. इलाहाबाद हाइकोर्ट द्वारा प्रश्रपत्र को यूजीसी पैनल को न भेजने के डबल बेंच फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार कर दिया है

69000 शिक्षक भर्ती मामला : यूपी सरकार को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका सुनने से इनकार किया
Shikshak Bharti News: सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट में अपील करने को कहा है
नई दिल्ली:

Shikshak Bharti News : यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती मामले राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. इलाहाबाद हाइकोर्ट की डबल बेंच के प्रश्रपत्रों को यूजीसी पैनल को न भेजने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाइकोर्ट में अपील करने के लिए कहा है.   गलत प्रश्नों के विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में ऋषभ मिश्रा की तरफ से याचिका दाखिल की गई थी. इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने इसी तरह की याचिकाओं पर दखल देने से इनकार कर दिया था. 

दरअसल हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने सरकार द्वारा आठ मई 2020 को घोषित परीक्षा परिणाम पर सवालिया निशान लगाते हुए कुछ प्रश्नों एवं उत्तर कुंजी पर भ्रम की स्थिति पाते हुए पूरी चयन प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए प्रश्रपत्र को जांचने के लिए यूजीसी पैनल को भेजने के लिए कहा था.  इस फैसले पर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने रोक लगा दी थी. हाईकोर्ट के  फैसले को याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षकों की भर्ती का मामला बीते  2 सालों से विवादों में घिरा हुआ है लेकिन अभी तक इन भर्तियों को पूरा नहीं किया जा सका है. पहले यह मामला परीक्षा के कट ऑफ को लेकर कोर्ट में अटका हुआ था. जिसमें छात्रों के एक गुट ने का कहना था कि सरकार का परीक्षा के बाद कट ऑफ निर्धारित गलत है. इतना ही नहीं सरकार ने पिछली बार की तुलना में ज्यादा कट ऑफ निर्धारित कर दिया है. हालांकि कोर्ट में सरकार की ओर से दी यह दलील काम आई कि उसने शिक्षा की गुणवत्ता के लिए ज्यादा कट ऑफ का निर्धारण किया है. हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया और 1 महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया करने समाप्त करने के लिए कहा. वहीं सीएम योगी ने इसे एक हफ्ते के अंदर इसे निर्धारित करने के आदेश दिया था. लेकिन इसके बाद छात्रों का एक गुट गलत प्रश्नों के मामले को लेकर कोर्ट पहुंच गया. वहीं कई अन्य मामलों के साथ कई याचिकाएं कोर्ट में दे दी गई थीं. 

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