69000 UP Shikshak Bharti: 69000 शिक्षक भर्ती मामले को लेकर एक बार फिर विवाद शुरू हो गया है. दरअसल, 69000 शिक्षक भर्ती मामले में UP सरकार के 31, 661 पदों को भरने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. सुप्रीम कोर्ट में BTC छात्रों की वकील रितु रेनुवाल ने याचिका दाखिल की है. याचिका में 31661 पदों की भर्ती के यूपी सरकार के नोटिफिकेशन पर रोक लगाने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि 69 हज़ार शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा हुआ है. ऐसे में जब तक SC का फैसला नहीं आता है, 31661 पदों की भर्ती के यूपी सरकार के नोटिफिकेशन पर रोक लगाई जाए. बता दें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 सितंबर को 31661 पदों को एक हफ्ते में भरने का निर्देश दिया था.
बता दें कि कोर्ट ने 37,000 पोस्ट शिक्षा मित्रों के लिए रिजर्व रखी थीं, और बाकी पदों पर भर्ती करने को मंजूरी दे दी थी, जिसके बाद यूपी सरकार ने 1 हफ्ते के अंदर शेष पदों पर भर्ती करने का निर्देश दिया था.
क्या है विवाद?
उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षकों की भर्ती का मामला बीते 2 सालों से विवादों में घिरा हुआ है लेकिन अभी तक इन भर्तियों को पूरा नहीं किया जा सका है. पहले यह मामला परीक्षा के कट ऑफ को लेकर कोर्ट में अटका हुआ था, जिसमें छात्रों के एक गुट का कहना था कि सरकार का परीक्षा के बाद कट ऑफ निर्धारित गलत है. इसके बाद सरकार ने पिछली बार की तुलना में ज्यादा कट ऑफ निर्धारित कर दी थी.
इसी बात को लेकर पूरा विवाद शुरू हुआ और मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट तक पहुंच गया. लंबे समय तक कोर्ट में यह मामला रहा और अंत में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार के फैसले को सही मानते हुए भर्ती प्रक्रिया को तीन महीने के अंदर पूरा करने का आदेश भी दे दिया था.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद सीएम योगी ने पूरी भर्ती प्रक्रिया को 1 हफ्ते के अंदर निपटाने के आदेश दिए थे. लेकिन कट ऑफ मार्क्स को लेकर शिक्षामित्रों ने विरोध किया, जिसके बाद उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी और अब एक बार फिर UP सरकार के 31, 661 पदों को भरने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.
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