IAS Success Story: यूपीएससी की परीक्षा देश की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षाओं में से एक है, इसलिए इसे पास करना बड़ी बात मानी जाती है. हर साल लाखों उम्मीदवार यूपीएससी की परीक्षा देते और पास करने का सपना देखते हैं. कुछ लकी लोग पहले प्रयास में ही इस परीक्षा को पास कर लेते हैं तो कुछ को यह सफलता कई बार प्रयास करने के बाद मिलती है. यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवार हमेशा से उन उम्मीदवारों व छात्रों के लिए एक आइडल होते हैं जो यूपीएससी की तैयारी करते हैं और इस परीक्षा को पास करना चाहते हैं. यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों को IAS बनें लोगों की सक्सेस स्टोरी, यूपीएससी की तैयारी के लिए उनकी रणनीति, मूलभूत बातों या फिर कहें कि यूपीएससी की परीक्षा पास करने के ट्रीक को जानना चाहते हैं.
इन दिनों सोशल मीडिया पर कई आईएस ऑफिसर की सफलता की कहानी है. इन्हीं में से एक नाम है IAS स्मिता सभरवाल का. स्मिता सभरवाल ने महज 22-23 साल की उम्र में यूपीएससी की परीक्षा पास की और वे पिछले 20 साल से सिविल सेवक के रूप में काम कर रही हैं. स्मित का जन्म 19 जून 1977 को हुआ, उनका बचपन पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में बीता है. हालांकि पिता के फौज में ऑफिसर होने के कारण उन्हें देश के कई राज्यों में जाने का मौका मिला.
बोर्ड एग्जाम में किया टॉप
जहां से स्मिता सभरवाल की IAS की कहानी है तो वह शुरू से पढ़ने में काफी होशियार रहीं, बोर्ड एग्जाम में टॉप भी किया है. ग्रेजुएशन की पढ़ाई कॉर्मस विषय से की है. ग्रेजुशन होते ही उन्होंने UPSC की परीक्षा दी हालांकि पहले प्रयास में वह सफल नहीं रही. इसके बाद उन्होंने साल 2000 में यूपीएससी की परीक्षा दी और इसे क्रैक कर लिया. उन्होंने न सिर्फ UPSC की परीक्षा क्रैक की बल्कि आईएएस टॉपर भी हुईं, उन्होंने 2000 यूपीएससी परीक्षा में चौथी रैंक हासिल की थी. उस समय वह सिर्फ 23 साल की थी और तब सबसे कम उम्र के आईएएस अधिकारियों में से एक थीं. उन्होंने तेलंगाना कैडर से आईएएस की ट्रेनिंग ली थी.
सोशल मीडिया पर एक्टिव
स्मिता सभरवाल कम उम्र में आईएएस ऑफिसर बनने के कारण इन दिनों खबरों में हैं. वो सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं. इसलिए यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्र उनकी सफलता की कहानी को पढ़ना चाहते हैं. स्मिता सभरवाल मुख्यमंत्री कार्यालय में नियुक्त होने वाली पहली महिला आईएएस अधिकारी हैं. वर्तमान में, वह सीए, गवर्नमेंट ऑफ तेलंगाना में सचिव के पद पर कार्यरत हैं. वह सचिव, ग्रामीण जल आपूर्ति विभाग और मिशन भगीरथ के रूप में अतिरिक्त प्रभार भी संभालती हैं.
यूपीएससी तैयारी की रणनीति
स्मिता प्रतिदिन छह घंटे पढ़ाई करती थी और दिन में एक घंटा खेला करती थी. कितनी देर पढ़ना या खेलना यह खुद ही तय करती थीं. वह अपने दैनिक करंट अफेयर्स के लिए समाचार पत्रों और पत्रिकाओं पर भी रेगुलर पढ़ा करती थीं. उनके वैकल्पिक विषय एंथोपोलॉजी और पब्लिक एडमिनिस्टेशन रहा है.
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