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This Article is From Jun 03, 2020

69000 Teacher Recruitment: यूपी में शिक्षकों की भर्ती पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई रोक, 12 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

69000 UP Assisant Teacher Recruitment: अदालत ने याचियों को विवादित प्रश्नों पर आपत्तियों को एक सप्ताह के भीतर राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा है.

69000 Teacher Recruitment: यूपी में शिक्षकों की भर्ती पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई रोक, 12 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
UP Shikshak Bharti: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच अगली सुनवाई 12 जुलाई को करेगी.
इलाहाबाद:

69000 Shikshak Bharti: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) की लखनऊ पीठ ने बुधवार को प्रदेश में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी.

यह फैसला न्यायमूर्ति आलोक माथुर की पीठ ने कई याचियों की याचिका पर एक साथ सुनवाई करके पारित किया. मामले में अदालत ने एक जून को अपना फैसला सुरक्षित रखा था. मामले में अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी.
याचियों ने घोषित परीक्षा परिणाम में कुछ प्रश्नों की सत्यता पर सवाल उठाया था.

अदालत ने याचियों को विवादित प्रश्नों पर आपत्तियों को एक सप्ताह के भीतर राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा है. सरकार इन आपत्तियों को विश्व विद्यालय अनुदान आयोग को प्रेषित करेगी और अयोग इन आपत्तियों का निस्तारण करेगा.

राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह एवं अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता रणविजय सिंह ने पक्ष रखा था जबकि विभिन्न याचियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एल पी मिश्र, एच जी एस परिहार, सुदीप सेठ आदि ने पक्ष रखा.

क्‍या है मामला?
दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने पहले उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ कर दिया था. यह भर्ती कटऑफ अंकों के विवाद के कारण अधर में लटकी पड़ी थी. 
कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा कटऑफ बढ़ाने के फैसले को सही ठहराया और पूरी भर्ती प्रक्रिया तीन माह के भीतर पूरी करने का आदेश दिया. 

बेंच ने यूपी सरकार द्वारा तय किए गए 150 अंकों में सामान्य को 97 और आरक्षित वर्ग को 90 अंक लाने पर मुहर लगाई है और आदेश दिया कि तीन महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाए. 

इस आदेश के तहत सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी 65 फीसदी और अन्य आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी 60 फीसदी अंक पाकर ही पास माने जाएंगे. आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद सीएम योगी ने पूरी भर्ती प्रक्रिया को 1 हफ्ते के अंदर निपटाने के आदेश दिए और रिजल्‍ट घोषित कर दिया गया.

क्या है पूरा विवाद?
ये पूरा विवाद भर्ती एग्जाम के नंबर को लेकर है. यूपी सरकार ने एग्जाम पास करने के लिए न्यूनतम अंक निर्धारित किए थे. बेंच ने यूपी सरकार द्वारा तय किए गए 150 अंकों में सामान्य को 97 और आरक्षित वर्ग को 90 अंक लाने पर मुहर लगाई और आदेश दिया कि तीन महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाएगी. यूपी सरकार ने रिजर्व कैटेगरी के सदस्यों के लिए कम से कम 60 फीसदी और अन्य श्रेणी के कैंडिडेट्स के लिए 65 फीसदी नंबर लाना अनिवार्य किया था.

इसी बात को लेकर पूरा विवाद शुरू हुआ और मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट तक पहुंच गया. लंबे समय तक कोर्ट में यह मामला रहा और अंत में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार के फैसले को सही मानते हुए भर्ती प्रक्रिया को तीन महीने के अंदर पूरा करने का आदेश भी दे दिया. इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद सीएम योगी ने पूरी भर्ती प्रक्रिया को 1 हफ्ते के अंदर निपटाने के आदेश दिए थे. 

क्यों दर्ज कराई गई याचिका
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश में यूपी सरकार के नियमों को सही माना गया था, जिससे 69 हजार असिस्टेंट टीचर भर्ती का रास्ता साफ हो गया. लेकिन कट ऑफ मार्क्स को लेकर शिक्षामित्र विरोध कर रहे हैं , जिसके बाद उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की. याचिका में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट में कुछ दिन पहले हुई सुनवाई के दौरान यूपी सरकार से इस मामले में जवाब मांगा था.

इनपुट: भाषा

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