"आपका रवैया परेशान करने वाला, गंभीर फैसला लेने पर ना करें मजबूर..": केंद्र के निर्णय में देरी पर SC

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को पांच जजों की नियुक्ति की लंबित सिफारिशों पर फैसला लेने को कहा है. सरकार ने भरोसा दिया है कि रविवार तक निर्णय हो जाएगा.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि हम किसी तीसरे को इस मामले में खेला नहीं करने देंगे.
नई दिल्ली:

जजों की नियुक्ति में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना कड़ा रुख दिखाया है. कोर्ट ने केंद्र से कहा कि हाईकोर्ट के जजों के तबादले पर कॉलेजियम की सिफारिश पर फैसला नहीं लेना, बहुत ही गंभीर और किसी भी चीज से ज्यादा गंभीर है. जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि हम कर रहे हैं और हम करेंगे दोनों में फर्क होता है.

जस्टिस कौल ने कहा कि हमारे पास जो था, वो हमने आपको भेज दिया है. आपका रवैया हमारे लिए परेशान करने वाला है. आप हमें मजबूर ना करें कि हम कोई गंभीर फैसला लें. हम किसी तीसरे को इस मामले में खेला नहीं करने देंगे. हमें गंभीर फैसले लेने को विवश ना करें. अब हमारे पाए कुछ भी लंबित नहीं है. हाईकोर्ट में जजों के तबादले की हमारी सिफारिशों पर अब तक कोई अमल नहीं हुआ.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब हमें लगता है कि किसी जज को किसी वजह से A या B कोर्ट में होना चाहिए, तभी हम सिफारिश करते हैं, लेकिन आप उसे भी लटकाए रखते हैं. ये गंभीर मुद्दा है. 

कोर्ट में सुनवाई की शुरुआत में अटॉर्नी जनरल वेंकटरमनी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से 13 प्रस्ताव हमारे पास आए हैं. कोर्ट अब 13 फरवरी को इस मामले की सुनवाई करेगा. कोर्ट ने सरकार को सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की नियुक्ति लंबित सिफारिशों पर फैसला लेने को कहा है. जबकि सरकार ने भरोसा दिया कि रविवार तक निर्णय हो जाएगा. सरकार ने कहा कि वह जल्द ही पांच न्यायाधीशों की पदोन्नति को मंजूरी देगी, जिसकी सिफारिश कॉलेजियम ने की थी.

हाईकोर्ट के तीन मुख्य न्यायाधीशों और सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति के लिए दो जजों के नामों की अनुशंसित को मंजूरी मिलेगी. पांचों के सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने के बाद सर्वोच्च न्यायालय में जजों की संख्या 32 हो जाएगी. सुप्रीम कोर्ट में जजों के स्वीकृत पद भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित 34 है. लेकिन फिलहाल 27 जज कोर्ट का काम देख रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 13 दिसंबर को सरकार को पांच नामों की सिफारिश की थी. इनमें राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति पंकज मिथल, पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल, मणिपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पी वी संजय कुमार, पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा का नाम शामिल है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
IPS Puran Singh और ASI Sandeep की मौत का क्या कनेक्शन? | Syed Suhail | Bharat Ki Baat Batata Hoon