IIT बॉम्बे में एक 18 वर्षीय दलित छात्र ने रविवार को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. उनके परिवार ने NDTV को बताया कि दर्शन सोलंकी ने अपनी बहन और चाची से उनकी जाति के कारण अपने दोस्तों द्वारा बहिष्कृत किए जाने के बारे में बात की थी. हालांकि, IIT बॉम्बे के अधिकारियों ने कहा है कि परिसर में कोई भेदभाव नहीं है.
दर्शन के परिवार ने दावा किया कि उसे उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था. दर्शन की बहन जाह्नवी सोलंकी ने कहा, "जब वह पिछले महीने आया, तो उसने मुझे और मम्मी-पापा को बताया कि वहां जातिगत भेदभाव हो रहा है. उसके दोस्तों को पता चला कि वह अनुसूचित जाति से है, तो उसके प्रति उनका व्यवहार बदल गया. उन्होंने उससे बात करना बंद कर दिया और उसके साथ घूमना बंद कर दिया." दर्शन की मां तरलिकाबेन सोलंकी ने कहा, "वह तनाव में था, उसे प्रताड़ित किया जा रहा था. इसलिए उसने ऐसा किया."
दर्शन की मौसी दिव्याबेन ने कहा, "एक महीने पहले जब वह यहां आया तो कह रहा था कि कई छात्रों को यह पसंद नहीं है कि मैं मुफ्त में पढ़ रहा हूं. लोग ईर्ष्या करते हैं, वे पूछते हैं कि 'मुफ्त में क्यों पढ़ रहे हो, जबकि हम बहुत पैसे खर्च कर पढ़ रहे हैं." उसने मुझसे कहा कि उसने कुछ दोस्तों से भी बात करना बंद कर दिया है.
दर्शन के पिता रमेशभाई सोलंकी ने कहा कि दर्शन की मृत्यु से कुछ घंटे पहले उन्होंने अपने बेटे से बात की थी. उन्होंने बताया, "उसकी आत्महत्या से दो घंटे पहले, हमें IIT से कॉल आया. वह सामान्य रूप से बोल रहा था, 'आप कैसे हैं' पूछ रहा था. उसने मेरे बड़े भाई की बेटी को जन्मदिन की शुभकामना देने के लिए फोन किया था. उसने कहा कि वह आज बाहर जाएगा. मैंने कुछ पैसे भेजे अपने खाते में. उसने कहा, 'मेरे पास पैसा है, मुझे पैसे की जरूरत नहीं है.' वह ज्यादा खर्च नहीं करता था, लेकिन मैं फिर भी कुछ पैसे भेजता हूं. मुझे नहीं पता था कि ऐसा कुछ हो सकता है.
IIT बॉम्बे ने आरोपों का खंडन किया है कि दर्शन सोलंकी ने प्रणालीगत भेदभाव का सामना किया और कहा कि उनकी मौत की जांच की जा रही है. शैक्षणिक संस्थान ने मंगलवार को एक बयान में कहा, "आईआईटी बॉम्बे बीटेक के प्रथम वर्ष के छात्र की दुखद मौत के बारे में कुछ समाचार लेखों में दावों का दृढ़ता से खंडन करता है, जिसका अर्थ है कि इसका कारण भेदभाव था और यह 'संस्थागत हत्या' है." दर्शन की रविवार को छात्रावास की सातवीं मंजिल से कूदने के बाद हुई मौत के बाद पुलिस ने आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया. उन्हें अभी तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, लेकिन एक छात्र समूह का आरोप है कि कैंपस में दलित छात्रों के साथ भेदभाव के कारण उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया था.
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