बूस्‍टर डोज और बच्‍चों के लिए वैक्‍सीन पर नीति दो हफ्तों में तैयार करेगा केंद्रीय पैनल : सूत्र

अमेरिका, जर्मनी, इजरायल समेत कई देश इस फेहरिस्त में शामिल हैं. अमेरिका, यूरोप में बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन देना शुरू कर दी गई है. कई देशों में तो दो साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को कोविड वैक्सीन देने की कवायद शुरू हो गई है.

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बच्चों के लिए वैक्सीन देने की नीति पर दो हफ्ते में केंद्रीय पैनल विचार करेगा
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार का एक पैनल देश में बूस्‍टर डोज (Booster Dose) और च्‍चों के लिए वैक्‍सीन पर नीति (Vaccine Policy For Children) को दो हफ्तों में तैयार करेगा.  सूत्रों ने सोमवार को ये जानकारी दी. सूत्रों का कहना है कि बीमारियों के शिकार बच्चों के वैक्सीनेशन की प्रक्रिया जनवरी से शुरू हो सकती है. सूत्रों का कहना है कि बच्चों के टीकाकरण समेत कई अहम मुद्दे पर सरकार का शीर्ष सलाहकारी समूह अगले हफ्ते चर्चा करेगा. नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (NTAGI) की अगले हफ्ते बैठक होगी. माना जा रहा है कि इस बैठक में कोविड-19 वैक्सीन (COVID-19 vaccine) की अतिरिक्त डोज यानी बूस्टर डोज देने पर भी व्यापक कार्ययोजना तैयार की जा सकती है. 

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जनवरी में बीमारी से ग्रसित बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो सकता है. जबकि मार्च तक अन्य सभी बच्चों के लिए वैक्सीनेशन शुरू हो सकता है. सरकार अभी हर घर दस्तक अभियान के जरिये सभी को कोरोना के दोनों टीके लगाने तैयारी कर रही है. 

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दुनिया के कई देशों में जो भी नागरिक कोरोना वैक्सीन की दो डोज ले चुके हैं, उन्हें बूस्टर डोज दी जा रही है. अमेरिका, जर्मनी, इजरायल समेत कई देश इस फेहरिस्त में शामिल हैं. अमेरिका, यूरोप में बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन देना शुरू कर दी गई है. कई देशों में तो दो साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को कोविड वैक्सीन देने की कवायद शुरू हो गई है.

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हालांकि भारत में इसे अभी मंजूरी नहीं मिली है. कोवैक्सीन, जाइडस कैडिला समेत कई कंपनियां बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन बनाने में जुटी हैं. वहीं भारत में स्वास्थ्य विशेषज्ञ गंभीर रूप से बीमार, बुजुर्गों, स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्करों को कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज देने की वकालत कर रहे हैं. 

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