"सुखी जीवन में खलल नहीं डाल सकते": SC ने POCSO मामले में सजा पाए शख्‍स की दोषसिद्धि को किया रद्द

निचली अदालत ने आरोपी, जो पीड़िता का मामा है, को POCSO की धाराओं के तहत दोषी ठहराते हुए 10 साल कैद की सजा सुनाई थी. हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था.

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
प्रतीकात्‍मक फोटो
नई दिल्‍ली:

सुप्रीम कोर्ट ने POCSO मामले में सजायाफ्ता व्यक्ति की  दोषसिद्धि को यह कहते हुए रद्द कर दिया है कि उसने पीड़िता से शादी की ली थी और उनके दो बच्चे भी हैं. पीठ ने कहा कि यह अदालत जमीनी हकीकत से आंखें नहीं मूंद सकती और दोषी व शिकायतकर्ता  के सुखी पारिवारिक जीवन में खलल नहीं डाल सकती. पीठ ने माना कि उनके रिवाज के मुताबिक मामा से भांजी की शादी हो सकती है.सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि हमें तमिलनाडु में एक लड़की का मामा से शादी करने के रिवाज के बारे में बताया गया है जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने तमिलनाडु सरकार की उस दलील को खारिज कर दिया कि ये शादी केवल सजा से बचने के उद्देश्य से की गई है. 

दरअसल,  निचली अदालत ने आरोपी, जो पीड़िता का मामा है, को POCSO  की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराते हुए 10 साल कैद की सजा सुनाई थी.मद्रास हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था. सुप्रीम कोर्ट में दोषी ने कहा कि उसके खिलाफ आरोप यह था कि उसने पीड़िता के साथ शादी करने के वादे पर शारीरिक संबंध बनाए। लेकिन उसने पीड़ितासे शादी की है और उनके दो बच्चे हैं. अदालत ने महिला के बयान पर भी गौर किया जिसमें उसने कहा था कि उनके दो बच्चे हैं और पति उनकी देखभाल कर रहा है.वह एक सुखी वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रही है 

उधर, राज्य सरकार ने अपील का विरोध करते हुए कहा कि अपराध के दिन पीड़िता की आयु 14 साल थी और उसने पहले बच्चे को 15 वर्ष की उम्र में जन्म दिया. इसी तरह दूसरा बच्चा तब पैदा हुआ जब वह 17 साल की थी. सरकार का कहना था कि  दोनों की शादी वैध नहीं है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले के अजीबोगरीब तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए हमारा विचार है कि अपीलकर्ता की दोषसिद्धि और सजा रद्द करने योग्य है. हालांकि SC ने स्पष्ट किया कि यदि वह  महिला की उचित देखभाल नहीं करता है तो महिला या राज्य सरकार की ओर से इस आदेश में संशोधन की गुहार लगाई जा सकती है. 

Advertisement

- ये भी पढ़ें -

* "क्या इसीलिए नेहरू जी ने किया था पहला संशोधन..." : 'लक्ष्मणरेखा' वाले चिदम्बरम के बयान पर रिजिजू का पलटवार
* CM ममता बनर्जी को सम्मानित किए जाने के विरोध में लेखिका ने लौटाया पुरस्कार, कह दी बड़ी बात
* गाजियाबाद : चलती कार पर उलटे बैठ युवक दिखा रहा था 'फुल टशन', अब बढ़ सकती हैं मुश्किलें

Advertisement

योगी आदित्‍यनाथ की पसंद नहीं थे मुकुल गोयल, जानिए DGP को हटाए जाने की पूरी कहानी

Advertisement
Featured Video Of The Day
जब Former CJI UU Lalit को याद आए अपने पुराने दो क्लाइंट...
Topics mentioned in this article