हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीच मामले में आरोपी जितेंद्र को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने 2 सितंबर तक सरेंडर करने के आदेश दिए

हरिद्वार में धर्म संसद के दौरान हेट स्पीच  देने के आरोपी जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट  की ओर से टिप्पणी की गई कि ये पूरा वातारण खराब कर रहे हैं. रिजवी को नफरत वाले भाषण के मामले में जनवरी में गिरफ्तार किया गया था.

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आरोपी जितेंद्र की मुश्किलें बढ़ीं
नई दिल्ली:

हरिद्वार धर्म  संसद हेट स्पीच मामले में आरोपी जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिज़वी को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को दो सितंबर तक सरेंडर करने के आदेश दिए. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट नियमित जमानत पर 9 सितंबर को सुनवाई करने जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले आरोपी जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिज़वी सरेंडर करें उसके बाद जमानत याचिका पर सुनवाई होगी.

इससे पहले मई में आरोपी जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिज़वी को राहत मिली थी. सुप्रीम कोर्ट ने  तीन महीने के लिए अंतरिम मेडिकल जमानत दी थी. लेकिन कहा कि वो अंडरटेकिंग दें कि हेट स्पीच नहीं देंगे. साथ ही इलेक्ट्रॉनिक / डिजिटल / सोशल मीडिया पर कोई बयान नहीं देंगे. अदालत ने वकील विकास सिंह को कहा कि रिज़वी को सलाह दें कि हेट स्पीच में लिप्त ना रहें. समाज में सौहार्द बनाए रखना जरूरी है. सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने धर्म संसद में हेट स्पीच पर सवाल उठाए थे.

हरिद्वार में धर्म संसद के दौरान हेट स्पीच  देने के आरोपी जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट  की ओर से टिप्पणी की गई कि ये पूरा वातारण खराब कर रहे हैं. रिजवी को नफरत वाले भाषण के मामले में जनवरी में गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिलने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

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सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था. कोर्ट ने कहा कि दूसरे को जागरूक बनाने से पहले खुद संवेदनशील बनने की जरूरत है, ये संवेदनशील नहीं हैं और वातावरण को खराब कर रहे हैं. जस्टिस अजय रस्तोगी की अगुवाई वाली बेंच ने रिजवी की याचिका पर उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया था.

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