यूनिटेक मामले में तिहाड़ जेल के हालात पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जेल में हालात दुखद (सॉरी स्टेट ऑफ अफेयर्स) हैं. हमने मीडिया में पढ़ा कि जेल में हिंसा की घटनाएं हुई हैं, हत्याएं भी हुई हैं. जेलों में ऐसे हालातों की मंजूरी नहीं दी जा सकती. जेलों में सुधार के लिए तुंरत कदम उठाने की जरूरत है. केंद्रीय गृह सचिव इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट को बताएं कि जेल सुधार को लेकर क्या कदम उठाए जा रहे हैं. जेलों में बॉडी स्कैनर, मोबाइल जैमर आदि के इंतजाम किए जाने चाहिए. तीन हफ्ते में ये रिपोर्ट दाखिल हो.
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि SFIO की रिपोर्ट ईडी के साथ साझा की जाएगी. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने कहा कि दिल्ली पुलिस कमिश्नर की रिपोर्ट भी मिली है, 37 आरोपी हैं, 32 जेल अधिकारी और कर्मी हैं. जस्टिस शाह ने पूछा कि कितने अधिकारी सस्पेंड किए गए? एएसजी नटराजन ने कहा कि तिहाड़ जेल ने क्या एक्शन लिया है, यह दिल्ली सरकार बता सकती है, क्योंकि जेल प्रशासन दिल्ली सरकार के अधीन है.
नटराजन ने कहा कि चंद्रा बंधुओं से सांठगांठ रखने वाले जेल अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है. जेल प्रशासन की स्थिति में सुधार तेजी से होना चाहिए. सुरक्षा उपाय और उपकरण यानी स्कैनर, मोबाइल जैमर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जल्दी से जल्दी लगाए और इस्तेमाल में लाए जाएं.
दरअसल यूनिटेक के प्रमोटरों संजय चंद्रा और अजय चंद्रा से मिलीभगत करने पर तिहाड़ के अफसरों (Tihar jail officials) पर गाज गिरी है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना की रिपोर्ट में नामित तिहाड़ अफसरों को निलंबित करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने अफसरों के खिलाफ जांच करने के आदेश भी जारी किए थे. यूनिटेक के प्रमोटरों को जेल से कामकाज चलाने में मदद करने पर यह कार्रवाई की गई है.
दरअसल यूनिटेक के पूर्व प्रमोटर संजय चंद्रा और अजय चंद्रा पर सुप्रीम कोर्ट सख्त नाराज़ है.पहले सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने संजय चंद्रा और अजय चंद्रा को तुरंत तिहाड़ जेल से मुंबई की ऑर्थर रॉड जेल और तलोजा सेंट्रल जेल में ट्रांसफर करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा कि कानून से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे. इस मामले में तिहाड़ जेल अधिकारियों की भूमिका की जांच के लिए दिल्ली पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संजय चंद्रा और अजय चंद्रा को जेल में कोई भी अतिरिक्त सुविधा नहीं मिलेगी. दरअसल, ED ने 5 अप्रैल 16 अगस्त 2021 को दो स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की थीं. 16 अगस्त 2021 की स्टेटस रिपोर्ट में ED ने कहा था कि 'जेल परिसर गैर कानूनी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया गया. गवाहों को प्रभावित करने के लिए तिहाड़ परिसर का इस्तेमाल किया गया. इसमें तिहाड़ जेल के लोग भी शामिल हैं.' सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोनों भाइयों को तत्काल ट्रांसफर किया जाए. दोनों को अलग-अलग रखा जाएगा.