सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात में 5000 झुग्गियों को तोड़ने पर रोक लगाई, केंद्र, रेलवे और राज्य सरकार को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुजरात में रेलवे लाइन पर करीब 5000 झुग्गियों को तोड़ने पर रोक लगा दी है. साथ ही इस मामले में कोर्ट ने केंद्र, रेलवे और गुजरात सरकार को नोटिस भी जारी किया है.

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नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुजरात में रेलवे लाइन पर करीब 5000 झुग्गियों को तोड़ने पर रोक लगा दी है, जिसके बाद यहां रहने वाले लोगों ने राहत की सांस ली है. साथ ही इस मामले में कोर्ट ने केंद्र सरकार, रेलवे और गुजरात सरकार को नोटिस भी जारी किया है. कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि यथास्थिति को बरकरार रखा जाए. इस मामले में कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर आरोप लगाया गया था कि सरकार आज रात तक झुग्गियों को गिराने की तैयारी कर रही है. 

वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना की बेंच को बताया कि हाईकोर्ट ने 2016 में लगाई रोक को हटा लिया है. जिसके बाद अब सरकार ने इन झुग्गियों को तोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से तोड़फोड़ पर रोक लगाने की मांग की थी.

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इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया है. साथ ही केंद्र और रेलवे को भी नोटिस जारी किया गया है और मामले को कल के लिए सूचीबद्ध किया है. 

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दरअसल, गुजरात में सूरत-जलगांव रेलवे लाइन पर दस किलोमीटर के दायरे में यह झुग्गियां बसी हुई हैं. इन झुग्गियों को हटाने की कार्रवाई प्रस्तावित है, जिसके बाद झुग्गियों के लोग इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि रेलवे बिना किसी नोटिस और पुनर्वास के उन्हें हटाना चाहता है. 

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