लगभग दो सौ साल पहले ब्रिटिश भगोड़े फ्रेडरिक विल्सन ने धराली के देवदार के पेड़ों की कटाई कर नुकसान पहुंचाया. विल्सन ने टिहरी के राजा से लकड़ी कटाई का ठेका लेकर हर्षिल, धराली, मुखबा समेत आसपास में देवदार काटे. देवदार के पेड़ों की बड़े पैमाने पर कटाई से धराली का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ा और क्षेत्र विनाश की ओर बढ़ा.