"हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति पर केंद्र क्यों कर रहा देरी?": सुप्रीम कोर्ट ने 9 अक्तूबर तक मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट में HC में जजों की नियुक्तियों (Supreme Court on Judges Appointment) में केंद्र द्वारा देरी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस कौल ने कहा कि जब तक वह यहां है तब तक हर 10-12 दिनों में यह मामला उठाएंगे.

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देशभर के हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट की केंद्र पर सख्ती

सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति मामले में केंद्र पर फिर सख्ती दिखाई है. सर्वोच्च अदालत (Supreme Court on Judges Appointment) ने कहा कि वह हर दस दिन में इस मामले की निगरानी करेगी. कोर्ट ने कहा कि दस महीने में 80 नामों की सिफारिश की गई है लेकिन  ये सारी नियुक्तियां केंद्र के पास लंबित हैं और 26 जजों के तबादले लंबित हैं. साथ ही संवेदनशील हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस की नियुक्ति लंबित है.  7 नाम लंबित हैं जिनको दोहराया गया है. कोर्ट ने कहा कि हम बहुत कुछ कहना चाहते हैं लेकिन खुद को रोक रहे हैं, इसके साथ ही केंद्र सरकार से मामले पर जवाब तलब किया है. अब इस मामले में अलगी सुनवाई 9 अक्तूबर को होगी. 

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'जजों की नियुक्ति पर केंद्र क्यों कर रहा देरी?'

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए अटॉर्नी जनरल आर वेकेंटरमणी ने सुप्रीम कोर्ट से एक हफ्ते का समय मांगा. वहीं जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धुलिया ने अटॉर्नी जनरल को केंद्र से निर्देश लेकर आने कहा है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट उच्च न्यायपालिका में जजों की नियुक्तियों में केंद्र द्वारा देरी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई कर रहा है. जस्टिस कौल ने कहा कि उन्होंने एक बार इस मुद्दे को उठाया था. जब तक वह यहां है तब तक हर 10-12 दिनों में यह मामला उठाएंगे. वह सर्वोत्तम प्रतिभा उपलब्ध कराने का प्रयास करते हैं. ऐसे में केंद्र सरकार की तरफ से देरी नहीं होनी चाहिए.

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केंद्र ने 70 नामों पर क्यों नहीं लिया फैसला-SC

वहीं जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि उनको बहुत कुछ कहना है लेकिन वह खुद को रोक रहे हैं. आज वह चुप हैं क्यों कि अटॉर्नी जनरल ने मामले पर जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है. लेकिन अगली तारीख पर वह चुप नहीं रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब यह जवाब मांगा है कि उसने हाईकोर्ट द्वारा सिफारिश 70 लोगों के नामों पर फैसला क्यों नहीं लिया. सिफारिश को SC कॉलेजियम को क्यों नहीं भेजा जिसकी वजह से ये नाम पिछले 10 महीने से सरकार के पास लंबित हैं.
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