अफगानिस्तान पर काबिज़ तालिबान के 7 सबसे प्रभावशाली नेता

चीन और रूस ने जहां अफगानिस्तान की नई तालिबान सरकार को मान्यता देने के लिए हामी भर दी है, वहीं अमेरिका ने इससे फिलहाल इनकार किया है. अब सवाल उठता है कि इस आतंकी संगठन की सरकार का नेतृत्व कौन करेगा और वो कौन से चेहरे हैं, जिनकी बदौलत तालिबान ने इतनी जल्दी काबुल को अपनी गिरफ्त में ले लिया.

विज्ञापन
Read Time: 17 mins
मुल्ला अब्दुल गनी बरादर तालिबान का उप नेता है और सबसे पॉपुलर चेहरा है.
नई दिल्ली:

20 साल बाद अफगानिस्तान (Afghanistan) से अमेरिकी सेना के हटते ही काबुल पर कब्जा करने वाले खूंखार आतंकी संगठन तालिबान के हौसले देखकर पूरी दुनिया दंग है. चीन और रूस ने जहां अफगानिस्तान की नई तालिबान सरकार को मान्यता देने के लिए हामी भर दी है, वहीं अमेरिका ने इससे फिलहाल इनकार किया है. अब सवाल उठता है कि इस आतंकी संगठन की सरकार का नेतृत्व कौन करेगा और वो कौन से चेहरे हैं, जिनकी बदौलत तालिबान ने इतनी जल्दी काबुल को अपनी गिरफ्त में ले लिया.

हैबतुल्लाह अखुंदज़ादा
ये शख्स तालिबान का सुप्रीम कमांडर है. तालिबान में आखिरी फैसला इसी का होता है. 1961 में जन्मे अखंदजादा ने साल 2016 में तालिबान की कमान संभाली थी. इससे पहले वह पाकिस्तान की एक मस्जिद में पढ़ाता था लेकिन तालिबान के संपर्क में आने के बाद वह तालिबानी आतंकी बन गया. इससे पहले इसकी पहचान एक धार्मिक नेता के रूप में थी. यह तालिबान का तीसरा कमांडर है.

मुल्ला अब्दुल गनी बरादर
यह तालिबान का उप नेता है और सबसे पॉपुलर चेहरा है. बरादर तालिबान की पॉलिटिकल यूनिट का मुखिया है. अफगानिस्तान का राष्ट्रपति बनने की दौड़ में सबसे बड़ा दावेदार है. यह मुल्ला उमर के सबसे भरोसेमंद कमांडर्स में एक रहा है. साल 2010 में ISI ने करांची से इसे गिरफ्तार किया था लेकिन डील के बाद इसे पाकिस्तान ने 2018 में छोड़ दिया था. इसका जन्म उरुजगान प्रांत में 1968 में हुआ था. बरादर ने 1980 के दशक में सोवियत सेना के खिलाफ अफगान मुजाहिदीन में लड़ाई लड़ी थी.

बंदूक के साथ ट्रैफिक कंट्रोल कर रहा है अफगानिस्तान की नई ट्रैफिक पुलिस, लोगों ने कहा- अब नो चलान, सीधा जाएगी जान!

सिराजुद्दीन हक्कानी
यह अपने पिता के बनाए आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क का मुखिया है. 2016 में हक्कानी नेटवर्क का तालिबान में विलय हो गया. अब तालिबान का उप नेता है. हक्कानी तालिबान के वित्तीय संसाधनों का जिम्मा संभालता है. यह कई हाई प्रोफाइल हमलों का जिम्मेदार रहा है और अमेरिकी लिस्ट में मोस्ट वांटेड है. हाल ही में कोरोनावायरस संक्रमण से पीड़ित होने के बाद सिराजुद्दीन हक्कानी को कराची के एक अस्पताल में भर्ती किया गया था. हालांकि, तालिबान ने इससे इनकार किया था. इसकी उम्र 40 से 50 साल के बीच बताई जाती है.

मोहम्मद याकूब
याकूब तालिबान संस्थापक मुल्ला उमर का बेटा है. यह तालिबान के मिलिट्री डिवीजन की कमान संभालता है. याकूब तालिबान की मौजूदा लीडरशिप में सबसे नरमपंथी रवैये वाला नेता है. इसने तालिबान और अल-कायदा के कट्टरपंथी मदरसों में तालीम हासिल की है. जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर की देखरेख में इसने गुरिल्ला लड़ाई सीखी और हथियारों की ट्रेनिंग ली है. 

Advertisement

अब्दुल हकीम हक्कानी 
यह तालिबान का शीर्ष वार्ताकार है और शांति वार्ता टीम का सदस्य है. हकीम हक्कानी तालिबान की न्यायिक विभाग का प्रमुख और न्याय व्यवस्था का जिम्मेदार है. वह जज रह चुका है. दोहा में निगोशिएशन टीम का मुखिया था. यह तालिबान के सुप्रीम कमांडर का दाहिना हाथ है. तालिबान के शासन के लिए दिशा निर्देश बनाने की अहम जिम्मेदारी इसके ही कंधों पर है.

हंगामे के बिना अफगानिस्तान को छोड़कर जाना नामुमकिन था : US राष्ट्रपति जो बाइडेन

शेर मोहम्मद अब्बास स्टानिकजई
यह तालिबान सरकार में उप मंत्री रह चुका है. स्टानिकजई एक कट्टर धार्मिक नेता और प्रमुख राजनयिक है. यह पिछले एक दशक से दोहा में रह रहा है. 2015 में इसे तालिबान के राजनीतिक दफ्तर का प्रमुख बनाया गया था. अफगान शांति वार्ता में प्रमुख वार्ताकार रहा है. अमेरिका से शांति समझौते में भी यह वार्ताकार रहा है. यह तालिबान में सबसे ज्यादा पढ़ा लिखा है. इसने राजनीति विज्ञान में एमए की डिग्री ली है.

Advertisement

जबीहुल्लाह मुजाहिद
यह तालिबान का मुख्य प्रवक्ता है. काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद इसने ही सबसे पहले मीडिया ब्रीफिंग की थी और बताया था कि अफगानिस्तान की नई सरकार कैसी होगी. वह 20 सालों से फोन पर मैसेज के जरिए पत्रकारों से बात करता रहा है.

Featured Video Of The Day
Child Marriage Free India: बाल विवाह को को लेकर बातचीत और बहस जरूरी: Gul Panag