"लाड़ली बहन योजना पर रोक लगा देंगे..." : SC ने महाराष्ट्र सरकार को क्यों दिया अल्टीमेटम

लंबित भूमि मुआवजे मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि हम आदेश दे सकते हैं कि अधिग्रहीत भूमि पर किया गया निर्माण अवैध है. लिहाजा उसे ढहा दिया जाए.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने फिर महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी दी है. कोर्ट ने कहा कि ⁠कहा वो दशकों से लंबित भूमि मुआवजे का शीघ्र निपटारा करें. ⁠वरना लाड़ली बहन योजना सहित फ्री बीज वाली कई योजनाओं पर रोक लगा देंगे.

जस्टिस भूषण एस गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने महाराष्ट्र सरकार को कहा कि ⁠आपके पास सरकारी खजाने से मुफ्त में पैसा बांटने के लिए हजारों करोड़ रुपये हैं. लेकिन आपके पास उस व्यक्ति को देने के लिए पैसा नहीं है, जिसकी जमीन को कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना छीन लिया गया है.

अदालत ने करीब छह दशक पहले पुणे में भूमि अधिग्रहण का मुआवजा अब तक लंबित रखने पर सरकार को फटकार लगाई है. भूमि अधिग्रहण मुआवजे पर महाराष्ट्र सरकार जब कोई संतोषजनक योजना लेकर कोर्ट में हाजिर नहीं हुई तो कोर्ट ने सरकार को दोबारा चेतावनी दे डाली. जस्टिस गवई ने सरकार से पूछा कि आपने 37 करोड़ रुपए के ऑफर के बाद अब तक सिर्फ 16 लाख रुपए ही क्यों अदा किए हैं?

Advertisement

राज्य सरकार के वकील ने हलफनामा पढ़ते हुए कोर्ट से कहा कि राज्य और वन विभाग, उनकी अर्जी पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर रहे हैं. ⁠कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि तो हम आदेश दे सकते हैं कि अधिग्रहीत भूमि पर किया गया निर्माण अवैध है. लिहाजा उसे ढहा दिया जाए.

Advertisement

कोर्ट ने कहा कि 1961 में संविधान का अनुच्छेद 31A लागू था. ⁠अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी. ⁠जंगल और भूमि संरक्षण मामलों की सुनवाई के दौरान कोर्ट में महाराष्ट्र के इस किसान की याचिका आई. ⁠याचिकाकर्ता के पुरखों ने 1950 में 24 एकड़ जमीन खरीदी थी. ⁠सरकार ने 1963 में इसे अधिग्रहीत कर लिया था. ⁠बाद में मुआवजे को लेकर मुकदमेबाजी हुई. ⁠निचली अदालत से सुप्रीम कोर्ट तक मामला गया. ⁠सुप्रीम कोर्ट से भी डिग्री हो गई. ⁠37 करोड़ रुपए मुआवजा तय हो गया, जिसमें से 16 लाख रुपए का भुगतान ही किया गया था. बाद में राज्य सरकार ने ये जमीन रक्षा मंत्रालय को दे दी. ⁠रक्षा मंत्रालय ने ये कहते हुए मुआवजा देने से इंकार कर दिया कि वो इस मामले में पक्षकार ही नहीं रहा है तो मुआवजा क्यों दे?

Advertisement
Featured Video Of The Day
Delhi Air Pollution: प्रदूषण से कारोबारियों का भी बुरा हाल, 30 से 40 फीसदी घटा कारोबार | NDTV India