राहुल गांधी के बयान से छेड़छाड़ का मामला : एंकर ने न्यायालय से तत्काल सुनवाई का आग्रह किया

टीवी एंकर रंजन के खिलाफ कथित तौर पर राहुल गांधी के बयान का छेड़छाड़ वाला वीडियो प्रसारित करने के लिए कुछ राज्यों में प्राथमिकी दर्ज की गई है. एंकर की याचिका पर बुधवार को उच्चतम न्यायालय बृहस्पतिवार को सुनवाई करने के लिए राजी हो गया था.

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रोहित रंजन ने उच्चतम न्यायालय से उनकी याचिका पर तत्काल सुनवाई का फिर अनुरोध किया. (प्रतीकात्मक)
नई दिल्ली:

उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने बृहस्पतिवार को कहा कि एक समाचार चैनल के एंकर की उस याचिका को शुक्रवार को सूचीबद्ध किया जा सकता है जिसमें एक जैसे सभी मामलों को एक साथ जोड़ने और कथित अपराध के लिए दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण का अनुरोध किया गया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बयान को गलत संदर्भ में दिखाते हुए एक खबर प्रसारित करने के आरोप में कुछ राज्यों में प्राथमिकियों का सामना कर रहे, एक समाचार चैनल के एंकर रोहित रंजन (Rohit Ranjan) ने उच्चतम न्यायालय से उनकी याचिका पर तत्काल सुनवाई का फिर से अनुरोध किया.

न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जे. के. माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि इसे ‘‘भारत के प्रधान न्यायाधीश द्वारा सूचीबद्ध किए जाने का इंतजार किया जा रहा है.'' पीठ ने बुधवार को पत्रकार की याचिका को सुनवाई के लिए बृहस्पतिवार को सूचीबद्ध किए जाने का आदेश दिया था. 

पीठ ने कहा, ‘‘प्रधान न्यायाधीश द्वारा इसे सूचीबद्ध किए जाने का इंतजार है. हो सकता है कि यह मामला सुनवाई के लिए हमें न दिया जाए.''

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टीवी एंकर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि याचिका को आज सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने का निर्देश दिया गया था लेकिन इसे नियत कामकाज की सूची में नहीं रखा गया है. उन्होंने शुक्रवार को इसे अन्य पीठ को सौंपे जाने का अनुरोध किया.

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पीठ ने कहा, ‘‘हम देखते हैं. मामले के दस्तावेज सीजेआई के पास हैं...मामले को भारत के प्रधान न्यायाधीश की मंजूरी के बाद कल के लिए सूचीबद्ध किया जाए.''

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टीवी एंकर रंजन के खिलाफ कथित तौर पर राहुल गांधी के बयान का छेड़छाड़ वाला वीडियो प्रसारित करने के लिए कुछ राज्यों में प्राथमिकी दर्ज की गई है. एंकर की याचिका पर बुधवार को उच्चतम न्यायालय बृहस्पतिवार को सुनवाई करने के लिए राजी हो गया था.

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गौरतलब है कि मंगलवार को छत्तीसगढ़ पुलिस का एक दल रोहित रंजन को उनके घर से गिरफ्तार करने के लिए उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद पहुंचा था लेकिन उन्हें नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और रात में जमानत पर रिहा कर दिया.

इससे पहले, रंजन ने अपने टीवी कार्यक्रम में गांधी के बयान को ‘‘गलत संदर्भ में'' उदयपुर हत्याकांड से ‘‘गलती से'' जोड़कर दिखाने के लिए दो जुलाई को माफी मांगी थी. इससे एक दिन पहले कार्यक्रम प्रसारित किया गया था.

रंजन ने ट्वीट किया था, ‘‘हमारे शो डीएनए में राहुल गांधी का बयान उदयपुर की घटना से जोड़कर गलत संदर्भ में चल गया था. यह एक मानवीय भूल थी, जिसके लिए हमारी टीम क्षमाप्रार्थी है. हम इसके लिए खेद जताते हैं.''

याचिका में पत्रकार, उनके परिवार के सदस्यों और कार्यक्रम से जुड़े उनके सहयोगियों के लिए सुरक्षा का अनुरोध किया गया है.

याचिका में कहा गया है, ‘‘वर्तमान रिट याचिका संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर की जा रही है जिसमें लगभग एक जैसी आपराधिक शिकायतों को रद्द करने/एक साथ जोड़ने का अनुरोध किया गया है. याचिकाकर्ता के खिलाफ देशभर में प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं. याचिकाकर्ता ने वर्तमान याचिका के लंबित रहने के दौरान दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण का अनुरोध किया है.''

इसमें कहा गया है, ‘‘रंजन ने एक जुलाई, 2022 को ‘जी न्यूज' पर एक कार्यक्रम की मेजबानी की. समाचार शो में अनजाने में कुछ उद्धरणों को गलत तरीके से पेश किया गया और त्रुटि को तुरंत ठीक कर दिया गया. याचिकाकर्ता और जी न्यूज द्वारा बिना शर्त माफी मांगी गई थी और किसी भी प्राथमिकी और शिकायत दर्ज होने से पहले ही समाचार शो को वापस ले लिया गया था.''

याचिका में कहा गया है कि हालांकि, बाद में, याचिकाकर्ता के खिलाफ एक ही घटना के लिए कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत कई प्राथमिकी और शिकायतें दर्ज की गई हैं.

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