मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए हुए NEET-UG परीक्षा में गड़बड़ी से जुड़ी 40 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई. CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की डिवीजन बेंच ने इस मामले में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी NTA को शनिवार दोपहर 12 बजे तक छात्रों के स्कोर ऑफिशियल वेबसाइट पर पब्लिश करने के निर्देश दिए हैं.
NEET-UG परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "छात्रों की पहचान छिपाते हुए शहरों और सेंटर वाइज स्कोर पब्लिश करें." इस मामले में अब 22 जुलाई को निर्णायक सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि NEET-UG की परीक्षा दोबारा होनी चाहिए या नहीं.
NEET UG 2024: सुप्रीम कोर्ट आज नीट मामले में कर रहा सुनवाई, 40 मामले परीक्षा रद्द करने को लेकर
परीक्षा से 5 महीने पहले बढ़ाया सिलेबस
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील नरेंद्र हुड्डा ने कहा- "परीक्षा से 5 महीने पहले NTA ने सिलेबस बढ़ाया. इसे ही ग्रेस मार्क्स का आधार बनाया गया. फिर गड़बड़ी छिपाने के लिए दोबारा परीक्षा कराई गई." इस दौरान CJI ने पूछा- "23.33 लाख में से कितने छात्रों ने अपने सेंटर बदले हैं." इस पर NTA ने कहा- "फिलहाल सिस्टम से ये डेटा नहीं मिल सकता है."
साफ है कि पेपर लीक हुआ
हालांकि, आज की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परीक्षा में गड़बड़ी हुई थी, इसलिए इसमें कोई शक नहीं है. अदालत ने कहा, "ये साफ है कि पेपर लीक हुआ है. सवाल ये है कि इसका दायरा कितना बड़ा है. 2 छात्रों की गड़बड़ियों की वजह से पूरी परीक्षा रद्द नहीं कर सकते. दोषियों की पहचान नहीं हुई, तो दोबारा परीक्षा करानी होगी. अगर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए पेपर लीक हुआ है, तो जंगल में आग की तरह फैलता है."
NEET पर 'सुप्रीम' सुनवाई: जानिए वकीलों ने क्या दीं दलीलें, जज साहब ने क्या कुछ कहा? 10 बड़ी बातें
NTA ने अपने हलफनामे में क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए हलफनामे में NTA ने कहा, "सिर्फ पटना और गोधरा के कुछ सेंटरों में परीक्षा के दौरान गड़बड़ी हुई है. इससे पूरी परीक्षा की पवित्रता प्रभावित नहीं हुई है. पटना और गोधरा के छात्रों ने असामान्य तौर पर हाई स्कोर हासिल नहीं किया है. पेपर लीक का वायरल हुआ टेलीग्राम वीडियो भी फेक है. इस मामले में 153 केस दर्ज किए गए हैं."
पिछली सुनवाई में क्या हुआ?
सुप्रीम कोर्ट ने NEET विवाद पर पहली सुनवाई 8 जुलाई को की थी. कोर्ट ने NTA, केंद्र सरकार, CBI और रीएग्जाम की मांग कर रहे याचिकाकर्ताओं को हलफनामा दायर करने के लिए कहा था. इसके लिए 10 जुलाई तक की डेडलाइन दी गई थी. इसके बाद NEET पर दूसरी सुनवाई 11 जुलाई को हुई थी. फिर मामले की सुनवाई 18 जुलाई तक टाल दी गई थी.
क्या है विवाद?
NEET-UG 2024 की परीक्षा 5 मई को हुई थी. परीक्षा में गड़बड़ी और पेपर लीक के आरोप लगने के बाद अलग-अलग जगहों पर छात्रों ने प्रदर्शन किए. NEET-UG परीक्षा में बहुत ज्यादा नंबर दिए जाने के आरोप लगे हैं. इस वजह से इस साल रिकॉर्ड 67 छात्रों ने परफेक्ट स्कोर के साथ टॉप रैंक हासिल किया है. पिछले साल टॉप रैंक पर मात्र दो छात्र आए थे. ऐसे में छात्रों का आरोप है कि कई छात्र के मार्क्स प्लान के तहत घटाए और बढ़ाए गए हैं. दूसरी ओर, 6 सेंटर में परीक्षा कराने में देरी हुई. समय की बर्बादी की भरपाई के लिए ऐसे सेंटरों में कम से कम 1500 छात्रों को ग्रेस मार्क्स भी दिए गए, जो जांच के दायरे में हैं.
कहां लीक हुए पेपर?
NEET-UG में पेपर लीक होने के भी आरोप लगे हैं. बिहार पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने पिछले महीने कहा था कि उसे जांच से पता चला है कि 5 मई के एग्जाम से पहले करीब 35 छात्रों को NEET के पेपर और आंसर मुहैया कराए गए थे. पुलिस ने इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया है.
कहां दिए गए थे ग्रेस मार्क्स?
मेघालय, हरियाणा, छत्तीसगढ़, सूरत और चंडीगढ़ के कम से कम 6 एग्जाम सेंटरों में पेपर समय से नहीं बांटे गए थे. यानी स्टूडेंट्स को एग्जाम के लिए 3 घंटे 20 मिनट नहीं मिले थे. स्टूडेंट्स ने समय की बर्बादी की शिकायत की थी. जिसके बाद इन सेंटरों में स्टूडेंट्स को कोर्ट के तैयार फॉर्मूले के आधार पर ग्रेस मार्क्स दिए गए.
नीट पेपर लीक गिरोह से जुड़े पटना एम्स स्टूडेंट्स के तार, जानिए इस मामले में अब क्या पता चला