मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के आरोप में गिरफ्तार दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से राहत नहीं मिली है. सत्येंद्र जैन ने दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi Highcourt) में अपनी जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी. कोर्ट ने इस अर्जी पर सुनवाई से इनकार कर दिया है. सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका का विरोध किया.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत जमानत मामलों से भरी हुई है. शायद की कोई ट्रायल पूरा हो रहा है. हम जमानत अर्जी पर जल्द सुनवाई के लिए नहीं कह सकते. जिसके बाद जैन को अपनी याचिका वापस लेनी पड़ी. सत्येंद्र जैन ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि दिल्ली हाईकोर्ट को उनकी जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई करने का आदेश दिया जाए.
दिल्ली हाईकोर्ट ने 1 दिसंबर को सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी को नोटिस जारी किया था. ईडी को जैन की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया गया था. हाईकोर्ट ने याचिका पर 20 दिसंबर को सुनवाई तय की है.
आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
ईडी ने सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग केस में 30 मई को गिरफ्तार किया था. वे 184 दिन से तिहाड़ जेल में हैं. आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जैन, उनकी पत्नी पूनम और अन्य पर केस दर्ज किया गया है. आरोप है कि जैन ने कथित तौर पर दिल्ली में कई शेल कंपनियां बनाईं या खरीदी थीं.
उन्होंने कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटर्स से 54 शेल कंपनियों के जरिए 16.39 करोड़ रुपये का काला धन भी ट्रांसफर किया. पिछले महीने ED ने जैन परिवार और उनसे जुड़ी कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी. 2018 में भी इस मामले में ED ने सत्येंद्र जैन से पूछताछ की थी.
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