कर्नाटक : शिग्गांव में चौथी जीत के लिए सीएम बसवराज बोम्मई के सामने कई चुनौतियां, यह है जातीय समीकरण

लिंगायत मुख्यमंत्री के विधानसभा चुनाव क्षेत्र शिग्गांव में उनके समुदाय की आबादी 37 फीसदी, लेकिन यह समुदाय भी है असंतुष्ट

विज्ञापन
Read Time: 26 mins
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई शिग्गांव विधानसभा सीट पर 2008 से लगातार जीत रहे हैं.
बेंगलुरु:

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) ने विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को शिग्गांव में अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया. राज्य में 10 मई को मतदान होगा और नतीजे 13 मई को आएंगे. बोम्मई शिग्गांव से तीन बार विधायक रह चुके हैं और एक बार फिर वे इसी सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं. पार्टी के दिग्गज बीएस येदियुरप्पा के पद से हटने के बाद उन्हें 2021 में मुख्यमंत्री बनाया गया था. कांग्रेस ने शिग्गांव से मोहम्मद यूसुफ सावनूर को बोम्मई के खिलाफ मैदान में उतारा है. 

मुख्यमंत्री के विधानसभा चुनाव क्षेत्र शिग्गांव में लिंगायत समुदाय की आबादी 37 फीसदी है. इसमें 20 फीसदी पंचमसाली लिंगायत समुदाय है और 17 फीसदी फारवर्ड क्लास लिंगायत समाज है. मुख्यमंत्री बोम्मई  लिंगायत की सादर उपजाति से हैं जो कि फारवर्ड क्लास है. कर्नाटका में इस उपजाति की आबादी दो फीसदी के आसपास है.

बसवराज बोम्मई के चुनाव क्षेत्र में मुस्लिम 28 फीसदी, कुरबा (OBC) 11 फीसदी, अनुसूचित जाति (SC) 11 फीसदी, अनुसूचित जनजाति (ST) 6 फीसदी और अन्य जातियों के लोगों की संख्या 7 फीसदी है.

सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप
राज्य में संतोष पाटिल नाम के कॉन्ट्रेक्टर ने आत्महत्या की थी. उसने बोम्मई सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर जान दे दी थी. वह भी लिंगायत था. लोगों का मानना है कि लिंगायत को भी लिंगायत मुख्यमंत्री न्याय नहीं दिलवा पाए. हालांकि बोम्मई ने लिंगायतों का दो फीसदी आरक्षण बढ़ाया है जिससे अब इस समाज को 7 फीसदी आरक्षण मिल रहा है.

पंचमसाली समुदाय बोम्मई से खुश नहीं है और उनके घर का घेराव कर चुका है. इस समुदाय ने 15 फीसदी आरक्षण की मांग की है. पंचमसाली लिंगायतों का नेतृत्व कर रहे बीजेपी विधायक बसवन गौड़ पाटिल यत्नाल  बसवराज बोम्मई के घोर विरोधी हैं. वे येदियुरप्पा के बाद मुख्यमंत्री बनने के आकांक्षी थे.

मुस्लिम समाज में जनाधार खत्म
धर्मांतरण रोकथाम कानून की वजह से एससी, एसटी बसवराज बोम्मई से नाराज हैं. उनकी धर्मनिरपेक्ष छवि को भी ठेस पहुंची है. इसके अलावा राज्य के 27.2 फीसदी मुस्लिम वोटर, जो कि बोम्मई का समर्थन करते थे, अब छिटक गए हैं. राज्य में हो रही साम्प्रदायिक हिंसा और अल्पसंख्यक विरोधी बयानों की वजह से बोम्मई का जनाधार मुस्लिम समाज में लगभग खत्म हो गया है. राज्य में 9 फीसदी वोटर कुरबा हैं जो कि कमोबेश कांग्रेस के समर्थंक हैं.

Advertisement

बोम्मई सरकार पर 40 फीसदी कमीशनखोरी का आरोप लगा है जिसका जवाब अब तक ना तो बोम्मई दे पा रहे हैं, न ही उनकी पार्टी. 

शिग्गांव विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की ओर से से मोहम्मद यूसुफ सावनूर चुनाव लड़ रहे हैं. मुख्यमंत्री बोम्मई के खिलाफ कांग्रेस ने उम्मीदवार बदलकर सावनूर को मैदान में उतारा है. पहले मोहम्मद यूसुफ सावनूर हुबली धारवाड़ सेंट्रल सीट देने पर बात हुई थी. वहां से मौजूदा एमएलए जगदीश शेट्टर बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आ गए तो वहां पर कांग्रेस ने शेट्टार को ही अपना उम्मीदवार बनाया. कांग्रेस के इस फैसले से सावनूर खुश नहीं थे. इसके बाद कांग्रेस ने उनको शिग्गांव से टिकट दिया.  

Advertisement

शिग्गांव क्षेत्र से 2008 से लगातार जीत रहे बोम्मई
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई शिग्गांव क्षेत्र से 2008 से लगातार जीत रहे हैं, हालांकि उनकी जीत में मतों का फासला बहुत ज्यादा नहीं रहा है. उन्हें 2008 में 63780 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस उम्मीदवार को 50918 वोट मिले थे. साल 2013 के चुनाव में बोम्मई को 73007 मत और कांग्रेस उम्मीदवार को 63504 वोट मिले थे. सन 2018 के चुनाव में उनको 83868 वोट जबकि मुख्य प्रतिद्वंदी को 74603 वोट मिले थे.

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत एसआर बोम्मई के बेटे बसवराज बोम्मई ने 2018 के विधानसभा चुनावों में शिग्गांव सीट पर करीब 9,260 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. बोम्मई ने जनता दल से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी और धारवाड़ स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्र से दो बार (1998 और 2004 में) कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य रहे. उन्होंने मुख्यमंत्री के संसदीय सचिव और विपक्ष के उपनेता के रूप में भी कार्य किया था.

Advertisement

जेडीयू छोड़कर बीजेपी में आए थे बोम्मई
बसवराज बोम्मई ने 2008 में जनता दल (यूनाइटेड) छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए. उसी वर्ष हुए विधानसभा चुनावों में वह हावेरी जिले की शिग्गांव सीट से विधायक चुने गए. इसके बाद उन्होंने 2013 और 2018 के विधानसभा चुनावों में इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा.

बोम्मई ने शिग्गांव में विकास के बहुत काम किए हैं. मुख्यमंत्री शिग्गांव क्षेत्र से विधायक हैं जिससे इस क्षेत्र का मान बढ़ा है.

Advertisement

यह भी पढ़ें:-

"कुछ लोगों में नाराजगी होगी" : कर्नाटक में टिकट विवाद पर बोले सीएम बी बोम्मई

कर्नाटक चुनाव : कांग्रेस के प्रचारकों में बीजेपी के पूर्व दिग्गज नेता, सचिन पायलट लिस्ट से बाहर

"BJP आलाकमान नहीं...": जगदीश शेट्टार ने बताया कर्नाटक चुनाव से पहले क्यों थामा कांग्रेस का हाथ

Featured Video Of The Day
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में बागियों ने बढ़ाई टेंशन! किसने कितने बागी मनाए? | Election 2024