मनी लॉन्ड्रिंग मामला : CM हेमंत सोरेन को फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं, हाईकोर्ट में चल रही है सुनवाई

सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार की ओर से पेश मुकुल रोहतगी ने कहा कि शिकायतकर्ता ने जानबूझकर सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
सीएम हेमंत सोरेन को फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं...
नई दिल्ली:

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के खिलाफ जांच कराने के मामले में झारखंड सरकार को फिलहाल राहत नहीं मिलेगी. हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई अंतरिम आदेश देने से इनकार किया है. सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल सुनवाई टाल दी है. सुनवाई छुट्टियों के बाद होगी. झारखंड सरकार के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाल दी है. 

सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार की ओर से पेश मुकुल रोहतगी ने कहा कि शिकायतकर्ता ने जानबूझकर सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. ये राजनीति से प्रेरित मामले हैं. हाईकोर्ट ने गलत तरीके से याचिका को सुनवाई योग्य माना है. हाईकोर्ट ने शिकायतकर्ता के इतिहास पर गौर नहीं किया, लेकिन जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने कहा कि वो इस मामले में फिलहाल कोई आदेश जारी नहीं करेंगे. मामले में हाईकोर्ट को सुनवाई करने दें. जब हाईकोर्ट मुख्य मामले का फैसला कर दे तो आप मुद्दे को उठा सकते हैं. हम मामले को खुला रखेंगे.

रोहतगी ने कहा कि - इस मामले को छुट्टियों के बाद लिस्ट किया जाए, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाल दी. झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने अपनी याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी. वहीं झारखंड सरकार का कहना था कि ये जानते हुए भी कि सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका के सुनवाई योग्य ठहराने वाले फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की है, हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करने का फैसला किया है. हाईकोर्ट का कहना है कि वो मामले का निपटारा करेगा.

Advertisement

दरअसल, हाईकोर्ट का झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ शेल कंपनियों के जरिये मनी लॉड्रिंग करने की जांच कराने वाली जनहित याचिका को सुनवाई योग्य मानने के फैसले के खिलाफ झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की है. प्रवर्तन निदेशालय द्वारा सीलबंद लिफाफे में याचिका को स्वीकार किए बिना रिपोर्ट देने के खिलाफ झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया था.

Advertisement

24 मई को सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट को पहले याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं, यह तय करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट को पहले ये सुनवाई करने को कहा कि जांच की मांग करने वाली PIL सुनवाई योग्य है या नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस विचार से हैं कि न्याय के हित में ये जरूरी है कि चीफ जस्टिस की अगवाई में हाईकोर्ट पहले ये तय करे कि जांच की मांग करने वाली याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं. हाईकोर्ट सुनवाई की अगली तारीख पर पहले ये ही तय करे. हम इस मामले में केस की मेरिट पर नहीं जा रहे हैं. याचिका के सुनवाई योग्य होने के फैसले के आधार पर हाईकोर्ट उसके बाद कानून के अनुसार आगे बढ़ सकता है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Jharkhand Exit Poll: झारखंड के एग्जिट पोल में NDA को 45 से 50 सीटें | Hemant Soren | NDTV India