आर्टिकल 370 हटने के बाद श्रीनगर में पहली बड़ी रैली, पीएम मोदी को दिया संदेश

श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में शनिवार को सुबह जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी की ओर से आयोजित रैली में हजारों लोग शामिल हुए

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श्रीनगर में रैली के दौरान जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी.
श्रीनगर:

जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा और विशेष दर्जा छीने जाने के बाद श्रीनगर में पहली बड़ी राजनीतिक रैली के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक संदेश दिया गया कि वे राज्य का दर्जा बहाल करें और बिना देरी किए चुनाव कराएं. श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में शनिवार की सुबह जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी (JKAP) द्वारा आयोजित इस रैली में हजारों लोग शामिल हुए. पार्टी के प्रमुख अल्ताफ बुखारी ने कहा कि इतनी बड़ी भीड़ चाहती है कि प्रधानमंत्री लोगों से किए गए वादे पूरे करें.

बुखारी ने कहा कि, "ये सभी लोग यहां एक मांग के साथ आए हैं कि प्रधानमंत्री हमारे राज्य को बहाल करें. प्रधानमंत्री यह आपका और गृह मंत्री द्वारा भी किया गया वादा है, कृपया जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करें, जैसा कि यह 5 अगस्त 2019 को अस्तित्व में था." 

जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद जब क्षेत्रीय दलों के सभी वरिष्ठ नेता जेल में थे, तब केंद्र सरकार के मौन समर्थन से जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी का गठन किया गया था. राज्य में बदलाव के बाद से क्षेत्रीय दलों की राजनीतिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.

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अपनी पार्टी, जिसे अक्सर क्षेत्रीय दल कश्मीर में 'बीजेपी की बी-टीम' बताकर खारिज कर देते हैं, ने कहा कि यह बड़ी सभा कश्मीर में उनके प्रतिद्वंद्वियों और दिल्ली में शक्तियों के लिए भी एक संदेश है.

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अपनी पार्टी ने पूरी घाटी में बड़े पैमाने पर लामबंदी की थी और रैली में लगभग 50,000 लोगों के आने की उम्मीद थी. भले ही आयोजन स्थल पर आने वाले लोगों की संख्या अपेक्षित संख्या से बहुत कम थी, फिर भी यह अगस्त 2019 के बाद से कश्मीर में किसी भी पार्टी द्वारा की गई सबसे बड़ी जनसभा थी.

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पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा निरस्त होने के बाद कश्मीर में लंबे अरसे तक बंद रहा. लंबे समय तक प्रतिबंध, संचार साधनों पर रोक लगी रही. हजारों लोगों और राजनेताओं की नजरबंदी ने राजनीतिक गतिविधियां ठप कर दी थीं.

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अपनी पार्टी के गठन के पीछे राजनीतिक गतिविधियों को पुनर्जीवित करना और नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी जैसे पारंपरिक दलों के सामने एक विकल्प लाना था.

अपने संबोधन में बुखारी ने कश्मीर में हिंसा के खिलाफ दृढ़ता से बात की. अलगाववादी आंदोलन के कारण राज्य में पिछले 30 वर्षों में हजारों लोग मारे गए हैं. उन्होंने सभा में लोगों से कहा कि उन्हें स्वीकार करना चाहिए कि उनका भाग्य भारत के साथ है और उन्हें किसी के बहकावे में नहीं आना चाहिए.

बुखारी ने कहा कि, हम सभी को यह स्वीकार करना होगा कि जम्मू-कश्मीर की नियति भारत में है. हम भारत के कारण पीड़ित हैं लेकिन यह अकेला भारत ही है जो हमारा दर्द दूर कर सकता है. इसलिए आप सभी से मेरी अपील है कि कृपया कुछ नेताओं के खोखले नारों से गुमराह न हों." 

जम्मू और कश्मीर में चार साल से अधिक समय से कोई निर्वाचित सरकार नहीं है. हाल ही में जम्मू-कश्मीर के अपने दौरे के दौरान, गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की थी कि चुनाव मतदाता सूची के संशोधन के बाद होंगे. यह संशोधन इस महीने पूरा हो जाएगा.

जम्मू-कश्मीर में संभावित विधानसभा चुनावों से पहले बुखारी ने भी अपनी पार्टी के सत्ता में आने पर मुफ्त उपहारों की घोषणा की. उन्होंने 500 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया. उन्होंने हर घर में एलपीजी सिलेंडर के चार रिफिल, 5000 रुपये वृद्धावस्था पेंशन एवं शादी में एक लाख रुपये की सहायता देने का वादा किया.

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