समान नागरिक संहिता पर चर्चा के लिए 'ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स' का गठन, किरेन रिजिजू करेंगे अगुवाई

आदिवासियों से जुड़े मुद्दों पर किरेन रिजिजू, महिला अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर स्मृति ईरानी, पूर्वोत्तर राज्यों से जुड़े मुद्दों पर जी किशन रेड्डी और कानूनी पहलुओं पर कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल विचार करेंगे.

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किरेन रिजिजू
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने समान नागरिक संहिता की दिशा में पहला गंभीर कदम बढ़ाया है. समान नागरिक संहिता पर वरिष्ठ मंत्रियों का एक अनौपचारिक जीओएम यानी ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स बनाया गया है. इसमें किरेन रिजिजू, स्मृति ईरानी, जी किशन रेड्डी और अर्जुन राम मेघवाल को शामिल किया गया है. इस अनौपचारिक जीओएम की कमान रिजिजू को दी गई है. बुधवार को इन मंत्रियों की बैठक हुई.

ये मंत्री समान नागरिक संहिता से जुड़े अलग-अलग मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे. जैसे आदिवासियों से जुड़े मुद्दों पर किरेन रिजिजू, महिला अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर स्मृति ईरानी, पूर्वोत्तर राज्यों से जुड़े मुद्दों पर जी किशन रेड्डी और कानूनी पहलुओं पर कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल विचार करेंगे.

BJP की सहयोगी अन्नाद्रमुक समान नागरिक संहिता का विरोध करेगी

इन मंत्रियों की पूर्वोत्तर के कुछ मुख्यमंत्रियों से भी इस बारे में चर्चा हुई है. समान नागरिक संहिता पर आगे बढ़ने की दिशा में यह केंद्र सरकार की ओर से पहला गंभीर कदम है.

पीएम मोदी ने भोपाल में बीजेपी के बूथ कार्यकर्ताओं से अपने संवाद में समान नागरिक संहिता की वकालत की थी. उसके बाद अब केंद्र सरकार ने इस दिशा में आगे कदम बढ़ाया है. इनमें से कुछ मंत्रियों की इस बारे में बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा से भी मुलाकात हुई थी.

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