पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा के दिशा निर्देश के तहत कार्य करते हुए क्राइम ब्रांच डीएलएफ की टीम ने तीन आरोपियों को एक व्यक्ति की हत्या के जुर्म में गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में शिवनंदन उर्फ शिवा, ओमप्रकाश और ओमप्रकाश के भाई विक्रम का नाम शामिल है. आरोपी शिवनंदन उत्तर प्रदेश के मैनपुरी तथा आरोपी ओमप्रकाश और उसका भाई विक्रम फरीदाबाद के कांवरा गांव के रहने वाले है. आरोपियों के खिलाफ थाना भूपानी में हत्या की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज है, जिसमें आरोपियों ने पीट-पीटकर एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी.
पुलिस को दी अपनी शिकायत में मृतक जितेंद्र के भाई अटल बिहारी ने बताया कि वह मध्य प्रदेश का रहने वाला है और उसका भाई जितेंद्र पिछले करीब 3 साल से फरीदाबाद के कांवरा मोड़ पर स्थित रिचा नामक प्राइवेट कंपनी में काम कर रहा था. अटल बिहारी को सूचना प्राप्त हुई की फरीदाबाद में काम कर रहे उसके को भाई की किसी ने बुरी तरह से पीट दिया है, जिसकी वजह से उसे गंभीर चोटें आई हैं. घायल होने के पश्चात जितेंद्र को फरीदाबाद के बीके अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां पर उसकी नाजुक हालत को देखते हुए उसे दिल्ली के सफदरजंग रेफर कर दिया गया. उसके पश्चात उसे सफदरजंग से नोएडा के शारदा हॉस्पिटल में ले जाया गया, जहां पर इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई.
मृतक के भाई की शिकायत पर थाना भूपानी में आरोपियों के खिलाफ हत्या की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके आरोपियों की तलाश शुरू की गई. पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा ने इस मामले में तुरंत संज्ञान लेते हुए क्राइम ब्रांच डीएलएफ को इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने का कार्यभार सौंपा, जिसे बखूबी निभाते हुए क्राइम ब्रांच प्रभारी अनिल कुमार की टीम ने कड़ी मशक्कत करते हुए वैज्ञानिक पहलुओं और गुप्त सूत्रों की सहायता से दिनांक 14 सितंबर को इस मामले में शामिल तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
आरोपियों को अदालत में पेश करके 1 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया, जिसमें आरोपियों ने जितेंद्र की साथ की गई मारपीट की बात को कबूल किया. आरोपी ओमप्रकाश और शिवनंदन रिचा कंपनी के पास ही दूसरी कंपनी में चौकीदार की नौकरी करते हैं. दिनांक 6 सितंबर को रात के समय जितेंद्र अपने दो अन्य साथियों के साथ शराब पीकर वहां से गुजर रहे थे और शराब के नशे में सड़क पर शोरगुल कर रहे थे. चौकीदार ओमप्रकाश ने जब उनको वहां पर शोर न मचाने और वहां से चले जाने के लिए कहा तो इस बात को लेकर उनके बीच कहासुनी हो गई. इतनी देर में ही ओमप्रकाश का साथी शिवनंदन भी वहां पर आ गया, जो पास की ही दूसरी कंपनी में चौकीदार की नौकरी करता है. इसके पश्चात आरोपी ओमप्रकाश ने अपने भाई विक्रम को भी फोन करके मौके पर बुला लिया. आरोपी विक्रम अपनी इको गाड़ी में सवार होकर घटनास्थल पर पहुंचा.
दिल्ली के राज पार्क में पत्नी की हत्या कर पति फांसी के फंदे से झूला, तीन बच्चे हुए अकेले
इन तीनों ने मिलकर जितेंद्र और उसके साथियों के साथ मारपीट की, जिसमें मारपीट के दौरान जितेंद्र सड़क पर गिर गया और गिरते ही उसके सिर में चोट लग गई. इसी चोट के कारण इलाज के दौरान जितेंद्र की मृत्यु हो गई. इस घटना के पश्चात तीनों आरोपी मौके से फरार चल रहे थे, जिन्हें क्राइम ब्रांच डीएलएफ की टीम ने गुप्त सूत्रों की सहायता से गिरफ्तार कर लिया. आरोपी विक्रम से वारदात में प्रयोग इको गाड़ी बरामद की गई है. पूछताछ पूरी होने के पश्चात आरोपियों को अदालत में दोबारा पेश करके जेल भेज दिया गया है.