केंद्र सरकार ने शुक्रवार को संसद को बताया कि दिल्ली सरकार के अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग से सम्बंधित दिल्ली आर्डिनेंस बिल अगले हफ्ते संसद के दोनों सदनों में पेश होगा. इसके साथ ही दिल्ली आर्डिनेंस बिल पर राजनीति तेज हो गई है. इसमें अहम सवाल राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश को लेकर उठ रहा है जो कि जनता दल यूनाईटेड (JDU) से सांसद हैं.
जेडीयू ने हरिवंश सहित अपने सभी पांच राज्यसभा सांसदों को व्हिप (Whip) जारी करके दिल्ली आर्डिनेंस बिल के विरोध में वोट करने का निर्देश जारी कर दिया है.
जेडीयू के सांसद अनिल हेगड़े से NDTV ने सवाल किया- राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश जेडीयू से चुने गए हैं. क्या यह व्हिप हरिवंश जी के लिए भी है? इस पर हेगड़े ने कहा कि, हमारी पार्टी का व्हिप हरिवंश जी समेत हमारे सभी पांचों राज्यसभा सांसदों के लिए है. जेडीयू के सांसदों को कहा गया है कि वे दिल्ली ऑर्डिनेंस बिल के खिलाफ मतदान करें. हरिवंश को जेडीयू सांसदों के साथ दिल्ली आर्डिनेंस बिल के खिलाफ मतदान करना होगा.
कांग्रेस के सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने NDTV से कहा, "हरिवंश जी जेडीयू पार्टी की तरफ से राज्यसभा में सांसद हैं. अगर वे दिल्ली ऑर्डिनेंस बिल पर पार्टी के व्हिप का उल्लंघन करेंगे तो उनकी सदस्यता जाएगी."
सूत्रों के मुताबिक शायद यह पहला मौका है जब हरिवंश को जेडीयू ने व्हिप जारी किया है. राज्यसभा के पूर्व उपसभापति पीजे कुरियन कहते हैं कि उनके कार्यकाल के दौरान उन्हें कभी भी व्हिप जारी नहीं किया गया.
पीजे कुरियन ने कहा कि, ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था. उपसभापति की भूमिका एक अंपायर की होती है. मुझे किसी भी दिशा में वोट करने के लिए मेरी पार्टी की ओर से व्हिप नहीं दिया गया. चूंकि मैं संवैधानिक पद पर था, इसलिए मुझे अपना कर्तव्य निभाने की पूरी आजादी थी. पार्टियां उपसभापति को व्हिप नहीं भेजतीं क्योंकि वह एक अंपायर होता है.
आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने NDTV से कहा, "यह हरिवंश जी का निजी फैसला होगा लेकिन सभी INDIA से जुड़ी पार्टियां अपने-अपने सांसदों को व्हिप जारी कर निर्देश दे रही हैं कि वे सदन में मौजूद रहें.
राज्यसभा के उपसभापति का पद एक संवैधानिक पद है. ऐसे में जेडीयू द्वारा हरिवंश को व्हिप जारी करने का फैसला कई सवाल खड़े कर रहा है.
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