- संसद का मानसून सत्र एक महीने चलेगा और यह 21 जुलाई से 21 अगस्त तक आयोजित होगा.
- विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर और ट्रंप के बयान को लेकर सरकार को संसद में घेरने की तैयारी कर रहा है.
- बिहार में मतदाता पुनरीक्षण और एसआईआर को लेकर विपक्ष विशेष रूप से चुनाव आयोग और सरकार पर सवाल उठाएगा.
Parliament Monsoon Session: संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा. इस सत्र को लेकर विपक्ष अपनी तैयारी में जुटा है. इसी तैयारी को लेकर शनिवार को इंडिया गठबंधन की वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से बैठक शुरू हो गई है. इस बैठक में करीब 18 दलों के 25 शीर्ष नेता मौजूद हैं. हालांकि, इसमें से आम आदमी पार्टी शामिल नहीं होगी. तृणमूल कांग्रेस की ओर से ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी इस बैठक में भाग ले रहे हैं.
इंडिया गठबंधन की बैठक में राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ सोनिया गांधी मौजूद है. इसके अलावा शरद पवार, तेजस्वी यादव, अभिषेक बनर्जी, दीपांकर भट्टाचार्य बैठक में शामिल हैं. स्टालिन बैठक में शामिल नहीं हुए हैं.
संसद के मानसून सत्र को लेकर इंडिया गठबंधन की ऑनलाइन बैठक.
संसद के मानसून सत्र में विपक्षी दल सरकार को कई मुद्दों पर घेरने के लिए तैयार है. इन्हीं सब मुद्दों की तैयारियों को लेकर इंडिया गठबंधन के घटक दलों के नेता ऑनलाइन मीटिंग करने वाले है. थोड़ी देर बाद यह बैठक शुरू होगी. जिसमें आगामी सत्र को लेकर चर्चा होगी. मानसून सत्र में सरकार को विपक्ष किन मुद्दों पर घेरेगा, जानिए इस रिपोर्ट में.
इंडिया गठबंधन की बैठक में शामिल दलों के नेता
1. कांग्रेस : सोनिया गांधी, राहुल गांधी, खरगे
2. जेएमएम: हेमंत सोरेन
3. समाजवादी पार्टी: रामगोपाल यादव
4. आरजेडी: तेजस्वी यादव
5. एनसीपी एसपी: शरद पवार
6. शिव सेना यूबीटी: उद्धव ठाकरे, संजय राउत
7. टीएमसी: अभिषेक बनर्जी
8. सीपीएम: एम ए बेबी
10. सीपीआई: डी राजा
11. सीपीआई एमएल: दीपांकर भट्टाचार्य
12. एनसी: उमर अब्दुल्ला
13. केरल कांग्रेस एम: जोश के मणि
14. आरएसपी: एनके प्रेमचंद्रन
15. डीएमके : तिरुचि शिवा
16. आईयूएमएल: पीके कुन्हलिकुट्टी
17. फॉरवर्ड ब्लॉक: गणेशन देवराजन
18. शेतकारी कामगार पक्ष: जयंत पाटिल
19. वीसीके: थिरुमावलवन
इंडिया गठबंधन की बैठक से जुड़ी बड़ी बातें
- एक तरफ़ 24 दलों को इंडिया गठबंधन की बैठक में शामिल करा कांग्रेस ने एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की है लेकिन गठबंधन के टॉप पाँच में से तीन दलों के अध्यक्ष बैठक में शामिल नहीं हुए हैं.
- इंडिया गठबंधन की बैठक में ज्यादातर दलों के अध्यक्ष या शीर्ष नेता शामिल हो रहे हैं लेकिन ममता बनर्जी के अलावा अखिलेश यादव और स्टालिन ने ख़ुद शामिल ना होकर पार्टी प्रतिनिधि को बैठक में भेजा है.
- संख्या बल के आधार पर इंडिया गठबंधन में कांग्रेस के बाद समाजवादी पार्टी, टीएमसी और डीएमके नंबर दो, तीन और चार पर आती हैं.
- लेकिन ये अहम बात है एक साल बाद हो रही इस बैठक के बावजूद इन दलों के अध्यक्षों ने ख़ुद शामिल नहीं होने का फैसला किया.
ऑपरेशन सिंदूर पर ट्रंप का बयान...
विपक्ष का कहना है कि वो सरकार को ऑपरेशन सिंदूर के मुद्दे पर घेरेंगे खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बयानों पर. ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि भारत पाकिस्तान के बीच उन्होंने युद्ध विराम करवाया, फिर ट्रंप का ताजा बयान कि युद्ध के दौरान पांच जेट गिराए गए थे. हालांकि, ट्रंप ने ये नहीं बताया कि किसके जेट गिरे थे. इसके पहले कुछ सैन्य अधिकारियों ने भी इसी ओर इशारा किया था. जिस पर पहले ही काफी हंगामा हो चुका है.
राहुल गांधी नरेन्द्र सरेंडर जैसा बयान पहले दे ही चुके हैं. ऐसे में विपक्ष पूरी तैयारी के साथ सरकार को घेरने की कोशिश करेगा. विपक्ष विदेश मंत्री जयशंकर के भी सीज फायर पर दिए गए बयान पर भी उन्हें कटघरे में खड़ा करने की कोशिश करेगा. विपक्ष की तरफ से लोकसभा में राहुल गांधी और राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे इस बहस की अगुवाई करेंगे. इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी भी सरकार से दो-दो हाथ करना चाहेगी.
बिहार वोटर लिस्ट विवाद
दूसरा सबसे बड़ा मुद्दा बिहार में विशेष गहन पुर्नरीक्षण यानि एसआईआर (SIR) को भी जोर-शोर से उठाएगी और उसे एनआरसी से जोड़ेगी. विपक्ष का तर्क ये है कि सरकार मतदाता पुर्नरीक्षण के बहाने नागरिकता तय करना चाहती है, जो चुनाव आयोग का काम नहीं है.
विपक्ष के निशाने पर चुनाव आयोग रहने वाला है, मगर लक्ष्य तो सरकार ही रहेगी और विपक्ष उस पर संवैधानिक संस्थाओं का सरकारी करण करने का आरोप लगाएगी. विपक्ष बिहार में इस वक्त मतदाता गहन पुर्नरीक्षण करवाए जाने पर भी सवाल उठाएगा और इसमें उसके साथ तृणमूल कांग्रेस भी होगी, क्योंकि ममता बनर्जी को भी लगता है कि अगला नंबर पश्चिम बंगाल का ही होने वाला है.
बिहार क्राइम का भी उठेगा मुद्दा
विपक्ष इसी कड़ी में बिहार की कानून व्यवस्था को भी मुद्दा बनना चाहेगा, क्योंकि जिस तरह से बिहार में चुनाव से पहले हत्याओं का दौर चला है वह वाक़ई चिंताजनक है, मगर इस पर संसद में बहस की अनुमति नहीं मिल सकती, क्योंकि कानून व्यवस्था राज्य का विषय होता है. लेकिन विपक्ष इस मुद्दे पर संसद में हंगामा जरूर कर सकता है.
विमान हादसे की रिपोर्ट पर सवाल उठाएगा विपक्ष
- अहमदाबाद में हुए विमान हादसे की रिपोर्ट पर भी विपक्ष सरकार से सवाल पूछेगा और इसे विमान यात्री सुरक्षा से जोड़ेगा. विमान हादसे की रिपोर्ट में कोइ खास कारण नहीं बताया गया है और इस पर कई सवाल उठ रहे हैं.
- विपक्ष जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग करते हुए इस मुद्दे को उठाएगा, क्योंकि इसी मुद्दे पर दोनों सदनों के विपक्ष के नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे सरकार को चिट्ठी भी लिख चुके हैं.
- कुल मिलाकर कर शुरुआत के दिनों का मानसून सत्र हंगामेदार रहने वाला है और सरकार और विपक्ष के बीच टकराव की स्थिति आपको देखने को मिलेगी.
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