NDA ने सुलझा लिया हाजीपुर सीट का विवाद? चिराग पासवान बोले- मेरा गुट यहां से लड़ेगा चुनाव

चिराग पासवान ने संकेत दिया कि हाजीपुर सीट का विवाद एनडीए ने पहले ही उनके पक्ष में सुलझा लिया है. बिहार की हाजीपुर सीट को लेकर चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच विवाद का सबसे बड़ा मुद्दा है.

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नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections) से पहले चिराग पासवान (Chirag Paswan) फिर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में लौट आए हैं. 18 जुलाई को दिल्ली में हुई एनडीए की बैठक में चिराग पासवान ने सार्वजनिक तौर पर पीएम मोदी के पैर छुए. मोदी ने भी उन्हें गले से लगाया. ऐसे में लोक जनशक्ति पार्टी के दोनों गुटों के एकीकरण की चर्चा भी तेज हो गई है. हालांकि, चिराग पासवान ने गेंद अपने चाचा पशुपति पारस के पाले में डाल दी है.

NDTV से खास बाततीच में चिराग पासवान ने संकेत दिया कि हाजीपुर सीट का विवाद एनडीए ने पहले ही उनके पक्ष में सुलझा लिया है. बिहार की हाजीपुर सीट को लेकर चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच विवाद का सबसे बड़ा मुद्दा है.

सीट पर लड़ाई और अपने चाचा के दावों के बारे में पूछे जाने पर चिराग पासवान ने कहा, "मुझे यकीन है कि इस सीट पर उनका दावा है. वह इस सीट से वर्तमान सांसद हैं, लेकिन मेरे पास भी अपने कारण हैं. हाजीपुर मेरे पिता राम विलास पासवान का प्रोजेक्ट था. उनके अधूरे काम को पूरा करना मेरी जिम्मेदारी है, लेकिन इस पर अंतिम फैसला गठबंधन लेगा."

हाजीपुर सीट पर क्या गठबंधन को फैसला लेना मुश्किल लग रहा है?  इसके जवाब में चिराग पासवान ने ज़ोर देकर कहा, "मुझे ऐसा नहीं लगता. यह फैसला हो जाएगा या हो चुका है. मैं इतना ही कहूंगा. एलजेपी (रामविलास) हाजीपुर से चुनाव लड़ेगी."

एलजेपी (रामविलास) चिराग पासवान के नेतृत्व वाला गुट है. दो साल पहले राम विलास पासवान के निधन के बाद पार्टी में नियंत्रण को लेकर चिराग पासवान और पशुपति पारस के बीच मनमुटाव शुरू हुआ था. जिसके बाद पार्टी में टूट हो गई थी.

पशुपति पारस ने दावा किया कि उनके भाई की मौत के बाद उनके भतीजे ने उनका तिरस्कार किया और उन्हें अपमानित किया. बिहार चुनाव के दौरान एनडीए से अलग होने और नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड के खिलाफ चुनाव लड़ने के चिराग पासवान के फैसले पर विवाद बढ़ गया था. पशुपति पारस ने आखिरकार बगावत कर दी और अपने समर्थकों के साथ एनडीए में शामिल हो गए. फिलहाल वह केंद्रीय मंत्री हैं.

अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले बीजेपी अब चाहती है कि दोनों गुटों का विलय हो जाए. एकजुट एलजेपी को राज्य में लगभग छह प्रतिशत पासवान मतदाताओं का वोट हासिल था.

चिराग पासवान ने एनडीए में एंट्री के बाद पार्टी के दो गुटों में विलय के सवाल को टाल दिया. 40 वर्षीय चिराग पासवान ने कहा, ''मेरे परिवार में ऐसे फैसले बुजुर्गों द्वारा लिए जाते हैं.'' 

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इससे पहले चिराग पासवान ने कहा था कि नीतीश कुमार की वजह से वह एनडीए से अलग हुए थे और उन्हीं की वजह से एनडीए में दोबारा वापस आए हैं.

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