केन्द्र कश्मीर में 1990 के दशक वाली स्थिति वापस लौटने से रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई करे: पाटिल

आतंकवादियों ने कश्मीर में पिछले पांच दिनों में सात नागरिकों की हत्या कर दी, जिनमें से चार अल्पसंख्यक समुदाय के हैं.

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केन्द्र कश्मीर में 1990 के दशक वाली स्थिति वापस लौटने से रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई करे: पाटिल
कश्मीर में पिछले पांच दिनों में सात नागरिकों की हत्या. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
श्रीनगर/ जम्मू:

कांग्रेस की जम्मू- कश्मीर मामलों की प्रभारी रजनी पाटिल ने शनिवार को कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा मारे गए नागरिकों के परिवारों से मुलाकात की और कहा कि केन्द्र 1990 के दशक वाली स्थिति को वापस लौटने से रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई करे. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन केंद्र शासित प्रदेश के निवासियों की रक्षा करने में ‘‘विफल'' रहे हैं और लोगों, विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों के चेहरे पर भय का भाव है.

आतंकवादियों ने कश्मीर में पिछले पांच दिनों में सात नागरिकों की हत्या कर दी, जिनमें से चार अल्पसंख्यक समुदाय के हैं.
कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष जी ए मीर और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ, पाटिल ने मोहम्मद शफी डार के परिवार से मुलाकात की, जिनकी तीन दिन पहले बांदीपुरा जिले में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल श्रीनगर में प्रमुख कश्मीरी पंडित माखनलाल बिंदरू और स्कूल की प्रधानाचार्य सुपिंदर कौर के आवासों पर भी गया, जिनकी अलग-अलग घटनाओं में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.

प्रतिनिधिमंडल जम्मू के पटोली में मारे गए स्कूली शिक्षक दीपक चंद के आवास पर भी गया और शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति संवेदना व्यक्त की. कौर एक सिख थीं, जबकि चंद हिंदू थे. पाटिल ने आरोप लगाया कि केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन घाटी में लक्षित हत्याओं को रोकने में ‘‘विफल'' रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने आम लोगों, विशेषकर अल्पसंख्यकों के चेहरों पर भय का भाव देखा है, जो अपनी सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित हैं.''

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उन्होंने कहा कि कश्मीर में 1990 के दशक वाली स्थिति लौटती दिख रही है. 1990 के दशक में आतंकवादियों द्वारा लक्षित हत्याओं के कारण अल्पसंख्यकों, विशेषकर कश्मीरी पंडितों का घाटी से पलायन हुआ था. पाटिल ने कहा कि सरकार को स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्र को कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों और अन्य लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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