अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर निर्माण (Ram Temple Construction) का पहला चरण आज पूरा हो गया. दूसरा चरण बारिश के बाद शुरू होगा. मंदिर निर्माण ट्रस्ट ने आज मीडिया को मौके पर ले जाकर मंदिर निर्माण का काम दिखाया. राम जसन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने बताया कि 11000 क्यूबिक मीटर की चट्टान ढाली गई है. यह ज़मीन के अंदर चली जायेगी. यह अपने में एक अनोखा स्ट्रक्चर है. यह नींव का प्रथम चरण है. बारिश का मौसम खत्म होने के बाद इसके ऊपर दूसरा चरण प्रारंभ हो जाएगा.
बता दें कि राम मंदिर की डिजाइन मशहूर आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा ने तैयार की है. मंदिर का काम क़रीब एक साल पहले शुरू हुआ था. लेकिन सर्वे से पता चला कि जहां मंदिर बनना था वहां नीचे ठोस ज़मीन ही नहीं थी. चंपत राय ने बताया कि सर्वे में सामने आया कि नीचे मिट्टी नहीं है. उन्होंने कहा कि नीचे मलबा मिला था, मलबे के अंदर तो कोई स्ट्रक्चर नहीं हो सकता. उसकी गृप नहीं बनती, पकड़ नहीं बनती. इसीलिए मलबा हटाते-हटाते नीचे चले गए.
आज जहां मंदिर का गर्भ गृह बन रहा है, पहले कभी यहां सरयू नदी बहती थी या इसके नीचे से नदी की कोई धारा गुज़रती थी. क्योंकि खुदाई में 40 फ़ीट के नीचे भी सिर्फ बालू ही मिल रहा था. इसलिए मंदिर की बुनियाद के लिए साढ़े 15 मीटर मोटी कंक्रीट की यह चट्टान बनानी पड़ी.
चंपत राय ने बताया कि 40 फ़ीट के बाद भी मिट्टी नहीं थी. केवल नदी का बालू था. कभी नदी बहती रही होगी, यही कारण है कि यह और गहरा होता गया. समुद्र तल से 91 मीटर के लेवल पर हमने चट्टान को भरना प्रारंभ कर दिया.
याद दिला दें कि मंदिर के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश से 67 एकर ज़मीन मिली है. ट्रस्ट अपनी ज़रूरत के मुताबिक आसपास और समपत्तियां खरीद रहा है. जिनकी ज़मीनें खरीदी जा रही हैं, उन्हें बदले में दूसरी जगह ज़मीनें दी जा रही हैं. इस खरीद में घोटालों के भी आरोप लगे हैं.
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