तेलंगाना के करीब 9 हजार मुस्लिम परिवार दरिद्रता में जी रहे: असदुद्दीन ओवैसी

तेलंगाना में रह रहे मुस्लिम समुदाय पर एक रिपोर्ट आई है, जिसके अनुसार उनकी हालत हर पैमाने पर खराब बताई जा रही है.

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ओवैसी ने तेलंगाना में रह रहे मुस्लिमों की हालत पर चिंता व्यक्त की. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

तेलंगाना (Telangana) में रह रहे मुस्लिम समुदाय की आर्थिक स्थिति से जुड़ी एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है. सेंटर फॉर डेवलपमेंट पॉलिसी एंड प्रैक्टिस (CDPP) की इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए एआईएमआईएम (AIMIM) अध्यक्ष व हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि मुसलमान आर्थिक रूप से गरीब और कमजोर होते जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि तेलंगाना में करीब 12.8 प्रतिशत मुस्लिम बसते हैं. उनकी आर्थिक हालत पहले की तुलना में बिगड़ी है. शिक्षा, सेहत, आवास, रोजगार में सबसे पिछड़े हैं. राज्य के मुसलमानों को राज्य में दलितों के समान अभाव का सामना करना पड़ रहा है.

हालांकि मुसलमानों को दलितों के समान सरकारी समर्थन नहीं मिल रहा है. ओवैसी ने कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने हाल ही में एक क्रांतिकारी दलितबंधु योजना की शुरुआत की है. यह देश का सबसे बड़ा कैश ट्रांसफर प्रोग्राम है. ओवैसी ने इस योजना को सीएम केसीआर का दूरदर्शी कदम बताया.

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उन्होंने कहा कि हम इस योजना का स्वागत करते हैं और मांग करते हैं कि तेलंगाना सरकार मुसलमानों के लिए इसी तरह की सकारात्मक कार्रवाई करे, धर्म के आधार पर नहीं बल्कि उनके हालात को देखते हुए.

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यह मान लेना उचित है कि इनमें से कम से कम 1-2% परिवार घोर गरीबी में रहने को मजबूर हैं और उनकी सुरक्षा के लिए तत्काल उपायों की आवश्यकता है. 1% का मतलब होगा 9000 घर और 2% का मतलब 18000 घर होगा.

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ओवैसी ने कहा कि दलित बंधु योजना राज्य में अनुसूचित जाति को ₹10 लाख का एकमुश्त अनुदान प्रदान करती है. यदि अत्यंत गरीब मुस्लिम परिवारों को समान राशि दी जाए, तो यह उनके जीवन को बेहतर बनाने में एक लंबा रास्ता तय करेगा.

आदर्श रूप से इस योजना के लिए कम से कम 18000 परिवारों पर विचार किया जाना चाहिए. यह राज्य के लिए एकमुश्त खर्च के रूप में केवल ₹1800 करोड़ की राशि होगी, लेकिन इसका लाभ खर्च से कहीं अधिक होगा क्योंकि एक पूरी पीढ़ी को घोर गरीबी से बचाया जा सकता है. यदि यह बहुत अधिक माना जाता है, तो कम से कम 1% या 9000 घरों पर विचार किया जाना चाहिए, जो कि केवल 900 करोड़ होगा. 1800 करोड़ हमारे राज्य के बजट का 1.5% है. मजलिस मौजूदा विधानसभा सत्र में यह मांग उठाएंगे और मुझे विश्वास है कि हमारे मुख्यमंत्री इस योजना को लागू करेंगे.

तेलंगाना में रह रहे मुस्लिम समुदाय पर आई रिपोर्ट, आर्थिक हालत पहले की तुलना में और बिगड़ी

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