त्रिपुरा सांप्रदायिक हिंसा मामला : सुप्रीम कोर्ट से तीन पत्रकारों को मिली राहत, पुलिस को नोटिस जारी

त्रिपुरा सांप्रदायिक हिंसा मामले पर पत्रकार समृद्धि सकुनिया, स्वर्णा झा और एसोसिएट एडिटर आरती घरगी ने याचिका दायर की थी

त्रिपुरा सांप्रदायिक हिंसा मामला : सुप्रीम कोर्ट से तीन पत्रकारों को मिली राहत, पुलिस को नोटिस जारी

सुप्रीम कोर्ट ने दर्ज FIR की कार्यवाही पर लगाई रोक

नई दिल्ली:

त्रिपुरा सांप्रदायिक हिंसा मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने तीन पत्रकारों को राहत दी है.  सुप्रीम कोर्ट ने सांप्रदायिक हिंसा के दौरान रिपोर्टिंग पर दर्ज एफआईआर (FIR) पर कार्यवाही करने से रोक लगा दी है. साथ ही  त्रिपुरा पुलिस को नोटिस जारी किया है. दरअसल, मीडिया कंपनी थियोस कनेक्ट जो डिजिटल न्यूज पोर्टल HW न्यूज नेटवर्क का संचालन करती है. इसके दो पत्रकार समृद्धि सकुनिया,  स्वर्णा झा और एसोसिएट एडिटर आरती घरगी ने याचिका दायर की थी.

क्या है AFSPA कानून? नगालैंड की घटना के बाद क्यों मचा है इस पर विवाद; जानें  

उन्होंने त्रिपुरा में सांप्रदायिक हिंसा पर समाचार रिपोर्टों पर त्रिपुरा पुलिस द्वारा खिलाफ दर्ज FIR को चुनौती दी है.  वहीं त्रिपुरा पुलिस ने एफआइआर दर्ज करते हुए आरोप लगाया है कि पत्रकारों की खबरों ने समुदायों  के बीच दुश्मनी को बढ़ावा दिया. साथ ही सांप्रदायिक हिंसा के बारे में निराधार खबर प्रकाशित करके सांप्रदायिक नफरत फैलाई.  

पश्चिम बंगाल निकाय चुनाव से पहले हिंसा पर BJP और TMC फिर आमने-सामने, SC पहुंचा मामला

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

वहीं याचिकाकर्ताओं ने पुलिस कार्रवाई को यह कहते हुए चुनौती दी कि वे हिंसा के पीड़ितों द्वारा दिए गए बयानों के आधार पर तथ्यों की केवल जमीनी रिपोर्टिंग कर रहे थे.  याचिका में कहा गया है कि FIR "प्रेस को प्रताड़ित " करने के समान है.  इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों, पत्रकारों और एक्टिविस्ट को आंतकवाद निरोधी कानून UAPA के तहत FIR पर अंतरिम संरक्षण दे दिया था .