World Health Day 2023: 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस को मनाने के लिए टीम बनेगा स्वस्थ इंडिया ने एट्रेस और क्लाइमेट वॉरियर भूमि पेडनेकर के साथ बात की, जो हाल ही में भारत में सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स के लिए यूनाइटेड नेशनल्स डेवलपमेंट प्रोग्राम की राष्ट्रीय अधिवक्ता भी बनी हैं. पेडनेकर सालों से हेल्थ के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों, लक्ष्यों, आगे की राह की चुनौतियों और सभी के लिए स्वास्थ्य प्रदान करने के लक्ष्य के बारे में बात करती हैं. पूरी बातचीत को यहां पढ़ें:
शुक्रवार 7 अप्रैल को मनाया जाएगा विश्व स्वास्थ्य दिवस, जानें इस दिन के बारे में सब कुछ
एनडीटीवी: यूनाइटेड नेशनल्स डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) भारत द्वारा सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) के लिए पहले नेशनल एडवोकेट के रूप में आप जो भूमिका निभाएंगे, उसके बारे में बताएं?
भूमि पेडनेकर: मैं बेहद सम्मानित महसूस कर रही हूं और मैं आभारी हूं. मैं भारत में सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स के लिए पहली नेशनल अडवोकेट होने की भूमिका निभाने के लिए बहुत प्रेरित और उत्साहित महसूस कर रही हूं. मैं आशा करती हूं कि मेरी पहुंच और सालों से मुझे जो प्यार मिला है, उसके माध्यम से मैंने जो विश्वसनीयता बनाई है और अपनी आवाज के माध्यम से, मैं दूर-दूर तक लोगों तक पहुंच सकती हूं और जितना संभव हो उतने लोगों तक पहुंच सकती हूं जिन्हें सपोर्ट की जरूरत है. केवल एक साथ मिलकर हम एक ऐसी दुनिया का निर्माण कर सकते हैं जो आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ हो.
एनडीटीवी: यह देखते हुए कि हम सभी सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स को प्राप्त करने के लिए 2030 की समय सीमा से सिर्फ 7 साल दूर हैं, भारत इन लक्ष्यों को प्राप्त करने से कितना दूर है?
भूमि पेडनेकर: मुझे लगता है कि भारत एक क्लाइमेंट पॉजिटिव देश है. हमारे नेता जलवायु संकट के बारे में बोलते रहे हैं, हमने कुछ मजबूत जलवायु नीतियां बनाई हैं, लेकिन क्या यह काफी है? नहीं, समस्या इतनी बड़ी है कि हम वास्तव में इसकी गणना नहीं कर सकते. हमने 2016 में शुरुआत की थी, एसडीजी की स्थापना के बाद से, हमने बहुत प्रगति देखी है, हमने कई लक्ष्यों को वैश्विक स्तर पर बात करते हुए देखा है, हमने व्यक्तिगत व्यवहार में बदलाव, आर्थिक नीतियों और सुधारों में बदलाव देखा है, लेकिन एक व्यक्ति के रूप में जो भविष्य, परिवार के भविष्य, मानवता और अपने प्रियजनों के बारे में बेहद डरा हुआ है, मुझे ऐसा लगता है कि समस्या यह है कि समाधान केवल विश्व नेताओं के एक साथ आने या नीतियों में नहीं है, यह है जागरूकता के बारे में भी है. हमें भविष्य की पीढ़ियों को नेचुरल क्लियर रिसॉर्सेस, पानी, क्लियर एनर्जी, पौष्टिक भोजन, हेल्थ केयर तक पहुंच की जरूरत है. हमें सबसे कमजोर समुदायों के लिए भी यह सब चाहिए. यह एक लंबी यात्रा है, लेकिन अब तक किए गए काम से मैं बेहद प्रेरित हूं.
एनडीटीवी: भारत ने कुछ क्षेत्रों में प्रगति की है जैसे मातृ और बाल मृत्यु दर में कमी, स्तनपान कराने वाले बच्चों की संख्या में सुधार, सार्वभौमिक टीकाकरण कवरेज में सुधार हुआ है, ऐसे कौन से क्षेत्र हैं जहां हम वर्तमान में पिछड़ रहे हैं और प्राथमिकता देने की जरूरत है?
भूमि पेडनेकर: आश्चर्यजनक बात यह है कि भले ही भारत एक विशाल जनसंख्या वाला एक बहुत बड़ा देश है, यह उन देशों में से एक रहा है, जिसने खासकर से शिशुओं के लिए सबसे सफल टीकाकरण अभियानों में से एक चलाया है. मैंने सचमुच स्वास्थ्य सेवा को काफी हद तक कलंकित होते देखा है. खासकर जब हाशिये पर पड़े लिंग, समुदाय, महिलाओं और बच्चों की बात आती है. अगर आप केवल बुनियादी हाइजीन, हेल्थ, मेंट्रुअल हेल्थ, गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और सामान्य महिला स्वास्थ्य के बारे में सोचते हैं, तो मुझे लगता है कि इसमें बहुत अधिक पूर्वाग्रह है और यह बहुत ही हृदयविदारक है. हम हमेशा महसूस करते हैं कि परिवार का पुरुष हेल्थ केयर की पहुंच का हकदार है. मेरे लिए, मैं व्यक्तिगत रूप से हेल्थकेयर सिस्टम में समानता बनाना चाहती हूं. हमें अपने हेल्थ केयर सिस्टम को मजबूत करने के लिए और अधिक संगठनों, संस्थानों, व्यक्तियों को एक साथ आने की जरूरत है. उदाहरण के लिए अगर कोई आपके अधीन काम करता है, जिसकी पहुंच आपके पास स्वास्थ्य सेवा तक नहीं है, तो जाएं और वह अतिरिक्त कदम उठाएं, ताकि उनकी बुनियादी स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच हो और वे जान सकें कि स्वास्थ्य सेवा उनका मूल अधिकार है. हम बहुत सारे बदलाव होते हुए देख सकते हैं, लेकिन हमें बदलाव लाने के लिए लोगों के बड़े वर्ग को एक साथ आने की जरूरत है.
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एनडीटीवी: अगर आपको भारत का स्वास्थ्य मंत्री बनने का मौका मिला है तो ऐसे कौन से उपाय या नीतिगत फैसले हैं जिन्हें आप पहले आजमाएंगे और लागू करेंगे.
भूमि पेडनेकर: सबसे पहली और सबसे जरूरी चीज, जो मैं करना चाहूंगी, वह है हमारे देश में इंटेस केयर के साथ यूनिट्स बनाने में मदद करना, क्योंकि मुझे लगता है कि हमें ज्यादा से ज्यादा प्रकोपों के लिए तैयार रहने की जरूरत है, खासकर से जलवायु संकट को देखते हुए. मैं यह भी सुनिश्चित करना चाहती हूं कि हमारा मेडिकल सिस्टम यथासंभव सशक्त और मजबूत हो. मैं अधिक से अधिक लोगों को मेडिकल सर्विस में आने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती हूं. साथ ही, मैं आंत्रप्रेन्योर और व्यक्तियों से ग्रीन टेक्नोलॉजीस में निवेश करने का आग्रह करना चाहती हूं जो स्ट्रॉन्ग हेल्थ सिस्टम को सपोर्ट करती हैं. मैं अन्वेषकों को प्रौद्योगिकी और विज्ञान के माध्यम से समाधान खोजने के लिए भी प्रोत्साहित करूंगी जो हमारे मेडिकल सिस्टम को मजबूत बनाने में भी मदद कर सकता है और अंत में मैं यह सुनिश्चित करूंगी कि हर कुछ किलोमीटर पर हमारे देश के लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधा की कुछ बुनियादी पहुंच हो.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.