दिल्ली के एक अस्पताल में 142 किलो वजनी और मोटापे (Obesity) के कारण होने वाले गठिया के दर्द से जूझ रही 60 वर्षीय एक महिला के दोनों घुटनों का रिप्लेसमेंट (Knee Replacement) किया गया. महिला ने कहा कि ज्यादातर डॉक्टरों ने उसे सलाह दी कि पहले वजन कम करने के लिए उसे बेरियाट्रिक सर्जरी (Bariatric Surgery) करानी चाहिए और फिर नी ट्रांसप्लांट करनावा चाहिए. महिला ने कहा कि वह बेरियाट्रिक सर्जरी कराने के विचार से सहमत नहीं थी.
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35 मिनट में की दोनों घुटनों की सर्जरी:
प्राइम्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, फिजिशियन्स ने केवल 35 मिनट में दोनों घुटनों की सर्जरी की, जिससे मरीज 12 घंटे में अपने पैरों पर खड़ी हो गई. आमतौर पर ऐसे मामलों में मरीज को चलने में सक्षम बनाने में 24-36 घंटे लगते हैं. महिला के दोनों घुटनों की एक-एक कर सर्जरी की गई. महिला गंभीर रूप से मोटापे की बीमारी से पीड़ित है.
मोटापे के कारण बढ़ गया गठिया का दर्द:
हरियाणा के झज्जर की रहने वाली इस महिला को मोटापे के कारण होने वाले गंभीर गठिया दर्द के कारण डेली रूटीन के काम करने में भी बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था.
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महिला एक मिनट ज्यादा नहीं रह पा रही थी खड़ी:
प्राइमस अस्पताल के हड्डी रोग और ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट डिपार्टमेंट के अध्यक्ष डॉ सी एस यादव ने कहा, "घुटने के जोड़ के डिसऑर्डर के कारण, महिला पिछले कई सालों से असहनीय दर्द का अनुभव कर रही थी और एक मिनट से अधिक खड़ी नहीं हो पा रही थी. इसके अलावा, मोटापे ने उसके घुटनों पर बोझ को और भी बढ़ा दिया, जिसकी वजह से जोड़ खराब हुए."