कब और किस उम्र में दें बच्‍चों को सेक्स एजुकेशन, कैसे करें उनकी झिझक दूर, जानें है सही तरीका

Sex Education: इस विषय पर चर्चा के लिए माता पिता से बेहतर कोई शिक्षक नहीं हो सकता, जो उन्हें एक हेल्दी माहौल में जागरूक बना सकते हैं. इसलिए ये जान लेना जरूरी है कि कब किस उम्र से बच्चों को धीरे धीरे सेक्स एजुकेशन देना जरूरी है.

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जान लेना जरूरी है कि कब किस उम्र से बच्चों को धीरे धीरे सेक्स एजुकेशन देना जरूरी है.

How to talk to kids about sex: बात सेक्स एजुकेशन की हो और खासतौर से बच्चों को सेक्स से जुड़ी जानकारी देना हो तो पैरेंट्स ही कन्नी काटने लगते हैं. बच्चों को गुड टच बैड टच के साथ साथ ये जानकारी होना जरूरी है कि शरीर के किन अंगों पर किसी भी तरह का टच होने पर उन्हें बातें माता पिता से शेयर करनी है, लेकिन मम्मी पापा खुद बच्चों से ऐसी बात करने से झिझकते हैं. जबकि सेक्स एजुकेशन की शुरूआत अगर घर से ही हो तो वो ज्यादा बेहतर तरीके से हो सकती है. इस विषय पर चर्चा के लिए माता पिता से बेहतर कोई शिक्षक नहीं हो सकता, जो उन्हें एक हेल्दी माहौल में जागरूक बना सकते हैं. इसलिए ये जान लेना जरूरी है कि कब किस उम्र से बच्चों को धीरे धीरे सेक्स एजुकेशन देना जरूरी है.

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क्या है बच्चों को सेक्स एजुकेशन देने की सही उम्र | What Is The Right Age To Give Sex Education To Children

1) जब उम्र हो चार साल

बच्चों को सेक्स एजुकेशन देने की शुरूआत चार साल की उम्र से कर देनी चाहिए. ये सही समय है जब बच्चों को प्राइवेट पार्ट्स की सेफ्टी के बारे में समझाया जाए. साथ ही ये भी बताया जाए कि उन्हें किसी के टच करने पर माता पिता को जानकारी देनी है.

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2) जब उम्र हो आठ साल

इस उम्र के बच्चे और भी ज्यादा समझदार हो जाते हैं. इस उम्र के बच्चों को काल्पनिक कहानियां न सुना कर साइंटिफिक फैक्ट्स बताएं. उन्हें ये न बताएं कि उन्हें इस दुनिया में परियां छोड़ कर गई हैं. बल्कि ये बताएं कि बच्चों के जन्म लेने के लिए स्पर्म और सेल की जरूरत होती है जो माता पिता दोनों से मिलता है.

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3) जब उम्र हो दस साल

इस उम्र के बच्चों के साथ अपनी झिझक को थोड़ा और कम करें. समाज में घटने वाली गंभीर घटनाओं के बारे में उन्हें बताएं. अगर उन्होंने खुद रेप या शारीरिक शोषण से जुड़ा कोई सवाल किया है तो उसे टालें नहीं बल्कि इसकी गंभीरता समझाएं. खासतौर से लड़कियों को इस बारे में ज्यादा जागरूक करें. लड़कों को सेंसिटाइज करना भी जरूरी है.

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4) जब उम्र हो 15 साल

ये बिलकुल न सोचें कि अब आप का बच्चा ऐसी उम्र में आ चुका है जब वो सेक्स से जुड़ी कई बातें जानता ही होगा. बल्कि अधकचरी जानकारी उन्हें किसी और दिशा में भी ले जा सकती है. उनसे खुलकर बात करें ताकि बच्चों के मन में क्या चल रहा है ये आपको अच्छे से पता रहे और आप वक्त रहते उन्हें और सजग कर सकें.

क्यों है ये शिक्षा जरूरी?

  • सेक्स एजुकेशन के जरिए ही बच्चे गुड टच और बैड टच की अहमियत समझ सकते हैं.
  • अपने शरीर में आ रहे बदलावों को वो अच्छे से समझ सकते हैं.
  • अपोजिट सेक्स के साथियों के साथ ज्यादा कंफर्टेबल रह सकते हैं. और सही समय पर सही बर्ताव कर सकते हैं.

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