Fruit Juice Effects On The Body: फलों को उनके कमाल के स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है. इसी तरह हम भी अक्सर फलों के रस के बारे में बात करते हैं जो शुगरी सोडा और पैकेज्ड ड्रिंक्स के लिए एक बढ़िया विकल्प हैं, लेकिन क्या फलों का जूस वास्तव में इतना हेल्दी है? अपनी एक हालिया इंस्टाग्राम रील्स में न्यूट्रिशनिस्ट लवनीत बत्रा ने ऐसे 4 तरीके शेयर किए हैं जिनमें फ्रूट जूस पीने से हमारे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. उनके अनुसार फलों का जूस पीने के 5 बुरे प्रभाव इस प्रकार हैं:
हाई यूरिक एसिड बनने पर कुछ दिनों तक पिएं ये ड्रिंक्स, पेशाब के रस्ते निकाल जाएगी सारी गंदगी
- हाई इंसुलिन स्पाइक्स
- लो फाइबर
- लो न्यूट्रिशन
- हाई ग्लाइसेमिक
वह आगे लिखती हैं, “हर दिन एक गिलास फलों का रस पीना दिन की शुरुआत करने का एक हेल्दी तरीका हो सकता है. दुर्भाग्य से, ऐसा नहीं है.
फलों के रस के साथ एक समस्या यह है कि इसमें कैलोरी और शुगर अधिक होती है, फाइबर कम होता है, हाई एसिड सामग्री होती है और पोषक तत्वों की कमी होती है.
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जब आप फलों को रस में बदलते हैं, तो आप अघुलनशील फाइबर खो देते हैं, जो एक जरूरी पोषक तत्व है और शुगर के एब्जॉर्बशन में देरी करने में मदद करता है. फलों को जूस में बदलने से इसमें से फाइबर कम हो जाता है और आप सिर्फ शुगर और कैलोरी पी रहे होते हैं.
साबुत, ताजे फल फाइबर से भरपूर होते हैं. फाइबर वाले फल लो कैलोरी खाने के साथ ही आपको भरा हुआ महसूस कराने में मदद कर सकते हैं. फलों में डाइटरी फाइबर भी कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है और हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है. साबुत फल पेट को भरा हुआ महसूस कराने, अधिक एंटिऑक्सिडेंट और 100 प्रतिशत फलों के रस की तुलना में लगभग 35 प्रतिशत कम शुगर होती है.
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उनकी रील देखें:
इसलिए, यह आइडियल है कि रोजाना के बजाय कभी-कभी ही फलों के रस का सेवन करें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.