भारत में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड खाने से डायबिटीज के शिकार हो रहे लोग, एक्‍सपर्ट ने की तला हुआ खाना छोड़ने की सिफारिश

शोध के अनुसार एडवांस्ड ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्ट्स (एजीई) से भरपूर फूड्स में रेड मीट, फ्राइड फूड्स, फ्रेंच फ्राइज, फ्राइड चिकन, बेकन, बिस्कुट, बेकरी प्रोडक्ट, मक्खन, मार्जरीन और शुगरी फूड्स शामिल हैं.

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ज्यादातर बेक्ड फूड कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता है.

एक्सपर्ट्स ने बताया है कि भारत के हर घर में ग्रिल्ड अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड का इस्‍तेमाल किया जा रहा है, जो देश में डायबिटीज के लगातार बढ़ते मामलों का सीधा कारण हैं. भारत में डायबिटीज से पीड़ित लोगों की संख्या 101 मिलियन है. भारतीयों के लिए हाल ही में जारी आईसीएमआर-एनआईएन डाइटरी गाइडलाइन्स से पता चलता है कि 5-19 साल की आयु के 10 प्रतिशत से ज्यादा बच्चे प्री-डायबिटिक हैं.

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अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स खतरनाक:

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फूड साइंसेज एंड न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक नए अध्ययन से पता चलता है कि डीप फ्राई, बेक्ड और ग्रिल किए गए अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स एडवांस्ड ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्ट्स (एजीई) से भरपूर होते हैं, जो सूजन का कारण बनते हैं और डायबिटीज सहित कई बीमारियों का खतरा पैदा करते है. चेन्नई स्थित मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन (एमडीआरएफ) के डायबिटीज विशेषज्ञ डॉ. वी. मोहन ने बताया कि उनकी टीम ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के साथ मिलकर एजीई पर अध्ययन किया है.

उन्‍होंने कहा, "जब हम फूड्स को तलते या ग्रिल करते हैं तो इससे ऑक्सीडेटिव पैदा होता है जो सूजन को बढ़ावा देता है. शरीर में पुरानी सूजन डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट हेल्थ और यहां तक ​​कि कुछ प्रकार के कैंसर से जुड़ी होती है. बहुत ट्रांस फैट वाले फूड स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं."

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हाई जीआई वाले फूड्स:

शोध के अनुसार एडवांस्ड ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्ट्स (एजीई) से भरपूर फूड्स में रेड मीट, फ्राइड फूड्स, फ्रेंच फ्राइज, फ्राइड चिकन, बेकन, बिस्कुट, बेकरी प्रोडक्ट, मक्खन, मार्जरीन और शुगरी फूड्स शामिल हैं. दूसरी ओर फल और सब्जियां, ब्रोकली, फलियां, ओट्स, डेयरी, अंडे, मछली, बादाम, अखरोट, काजू आदि लो जीआई फूड की कैटेगरी में आते हैं.

मोहन ने कहा, "हमारे शोध से पता चला है कि हाई डाइटरी एजेज वाले फूड्स टाइप 2 डायबिटीज और सूजन से जुड़े हैं. लो डाइटरी एजेज वाले फूड्स डायबिटीज के खिलाफ सुरक्षात्मक हैं."

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तला हुआ खाना बेहद नुकसानकारी:

साकेत स्थित मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के अध्यक्ष और प्रमुख - एंडोक्राइनोलॉजी एवं डायबिटीज डॉ. अम्बरीश मित्तल ने बताया, "तला हुआ भोजन का मतलब है कि हमारे शरीर में सेचुरेटेड फैट और कैलोरी की मात्रा ज्यादा है, इसलिए यह स्वाभाविक रूप से हमारे लिए अच्छा नहीं होगा."

उन्होंने कहा, "भारत में बहुत सारा तला हुआ भोजन, खासतौर पर स्ट्रीट फूड, दोबारा गर्म किए गए तेल में बनता है. दोबारा गर्म किए गए तेल में ट्रांस फैट बहुत ज्यादा होता है, जो हार्ट डिजीज और कुछ प्रकार के कैंसर के जोखिम को बढ़ाने वाला बड़ा कारक है."

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हेल्दी खाने की आदतों को बढ़ावा देने का आग्रह:

उन्होंने कहा कि बेक्ड फूड भी जरूरी नहीं कि सेहतमंद हो, क्योंकि ज्यादातर बेक्ड फूड कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता है. मोहन ने बताया कि मोटापे की दर को बढ़ावा देने वाले ये फूड्स देश में डायबिटीज के प्रमुख कारणों में से एक हैं, साथ ही उन्होंने सरकार से हेल्दी खाने की आदतों को बढ़ावा देने का आग्रह किया.

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इसके अलावा, एमडीआरएफ अध्ययन से पता चला है कि "सफेद चावल या गेहूं का बहुत ज्यादा सेवन कार्बोहाइड्रेट को बढ़ाता है, जो शुगर का कारण बनता है. इसके अलावा, तनाव, नींद की कमी और वायु प्रदूषण भी इसके पीछे प्रमुख कारण हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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