छोड़ दें हर चीज को परफेक्ट बनाने जैसी आदतें, साइकोलॉजिस्ट से जानें 2026 में स्ट्रेस-फ्री रहने के तरीके

Healthy Habits For Stress: तनाव को पूरी तरह खत्म करना संभव नहीं है, लेकिन इसे सही तरीके से मैनेज जरूर किया जा सकता है. इसके लिए सबसे पहले अपनी पुरानी, नुकसानदायक आदतों को पहचानना और छोड़ना जरूरी है.

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New Year Stress Management: मानसिक तनाव को अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं.

New Year Stress Management: नया साल अपने साथ नई उम्मीदें, नए सपने और नई शुरुआत का मौका लेकर आता है. जैसे ही कैलेंडर बदलता है, हम में से ज्यादातर लोग यह सोचते हैं कि इस बार जिंदगी को बेहतर बनाएंगे, ज्यादा खुश रहेंगे, ज्यादा फिट होंगे और कम तनाव लेंगे. लेकिन, हकीकत यह है कि कुछ ही हफ्तों में वही पुराना रूटीन, वही जिम्मेदारियां और वही दबाव हमें फिर से घेर लेते हैं. काम का बोझ, परिवार की अपेक्षाएं, पैसों की चिंता और सोशल लाइफ इन सबके बीच तनाव (Stress) धीरे-धीरे हमारी जिंदगी का हिस्सा बन जाता है.

मानसिक तनाव को अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं. उन्हें लगता है कि यह तो आम बात है, अपने आप ठीक हो जाएगा. लेकिन, लंबे समय तक बना रहने वाला स्ट्रेस न सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि नींद, पाचन, इम्यूनिटी और दिल की सेहत पर भी बुरा असर डालता है. यही वजह है कि नए साल की शुरुआत में अगर हम स्ट्रेस मैनेजमेंट पर ध्यान दें, तो पूरा साल ज्यादा संतुलित और खुशहाल बन सकता है.

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एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में फोर्टिज हेल्थकेयर में हेड ऑफ डिपार्टमेंट, मेंटल हेल्थ और बिहेवियर साइंसेज की साइकोलॉजिस्ट डॉ. कामना छिब्बर बताती हैं कि तनाव को पूरी तरह खत्म करना संभव नहीं है, लेकिन इसे सही तरीके से मैनेज जरूर किया जा सकता है. इसके लिए सबसे पहले अपनी पुरानी, नुकसानदायक आदतों को पहचानना और छोड़ना जरूरी है.

स्ट्रेस बढ़ाने वाली पुरानी आदतें कौन-सी हैं? | What Are The Habits That Increase Stress?

1. हर बात को परफेक्ट बनाने की आदत

हर काम में परफेक्शन की चाह हमें लगातार दबाव में रखती है. छोटी-छोटी गलतियों पर खुद को कोसना स्ट्रेस को बढ़ाता है.

2. हर समय उपलब्ध रहने की मजबूरी

फोन, ईमेल और सोशल मीडिया के कारण हम खुद को 24 घंटे, सातों दिन उपलब्ध समझने लगे हैं. इससे दिमाग को आराम नहीं मिल पाता.

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3. भावनाओं को दबाना

कई लोग अपनी परेशानी किसी से शेयर नहीं करते. अंदर ही अंदर सब कुछ दबाते रहते हैं, जो आगे चलकर एंग्जायटी और डिप्रेशन की वजह बन सकता है.

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4. नींद और सेहत को नजरअंदाज करना

कम नींद, अनहेल्दी खानपान और एक्सरसाइज की कमी सीधे तौर पर तनाव को बढ़ाती है. इसलिए हमें अपने खापान पर भी ध्यान देने की जरूरत है.

नए साल 2026 में स्ट्रेस मैनेज करने के आसान तरीके | Ways to Manage Stress in the New Year 2026

1. खुद से रियलिस्टिक उम्मीदें रखें

डॉ. कामना छिब्बर के अनुसार, खुद से बहुत ज्यादा अपेक्षाएं रखना मानसिक दबाव की बड़ी वजह है. नए साल में छोटे-छोटे लक्ष्य बनाएं और उन्हें हासिल करने पर खुद को सराहें.

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2. ना कहना सीखें

हर काम के लिए हां कहना जरूरी नहीं. अपनी क्षमता और समय को समझें. जरूरत पड़ने पर विनम्रता से मना करना भी आत्म-देखभाल (Self-care) का हिस्सा है.

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3. रोज थोड़ा समय खुद के लिए निकालें

दिन में 15-20 मिनट सिर्फ अपने लिए रखें. इस दौरान मोबाइल से दूरी बनाएं और वो करें जो आपको सुकून देता हो जैसे किताब पढ़ना, म्यूजिक सुनना या चुपचाप बैठना.

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4. सांसों पर ध्यान दें

गहरी सांस लेने की तकनीक (Deep Breathing) तनाव को तुरंत कम करने में मदद करती है. जब भी घबराहट या बेचैनी महसूस हो, 5 मिनट गहरी सांसों का अभ्यास करें.

5. शरीर को एक्टिव रखें

हल्की-फुल्की एक्सरसाइज, योग या रोजाना टहलना दिमाग में फील गुड हार्मोन रिलीज करता है. इससे मूड बेहतर होता है और तनाव कम होता है.

6. नींद को प्राथमिकता दें

अच्छी नींद स्ट्रेस मैनेजमेंट का सबसे मजबूत आधार है. रोज एक तय समय पर सोने और उठने की आदत बनाएं. सोने से पहले मोबाइल स्क्रीन से दूरी रखें.

7. सोशल मीडिया से ब्रेक लें

हर समय दूसरों की परफेक्ट दिखने वाली जिंदगी देखकर खुद की तुलना करना स्ट्रेस को बढ़ाता है. हफ्ते में कुछ घंटे या एक दिन डिजिटल डिटॉक्स जरूर करें.

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8. अपने इमोशन शेयर करें

अगर मन भारी लग रहा है, तो किसी भरोसेमंद दोस्त, परिवार के सदस्य या प्रोफेशनल से बात करें. डॉ. कामना छिब्बर के मुताबिक, बात करने से दिमाग हल्का होता है और समाधान साफ दिखने लगता है.

प्रोफेशनल मदद कब लेना जरूरी है?

अगर तनाव लंबे समय तक बना रहे, नींद पूरी न हो, चिड़चिड़ापन बढ़ जाए या रोजमर्रा का काम प्रभावित होने लगे, तो इसे नजरअंदाज न करें. ऐसे में साइकोलॉजिस्ट या मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह लेना समझदारी भरा कदम है.

नया साल 2026 सिर्फ तारीख बदलने का नाम नहीं है, बल्कि खुद को बेहतर समझने और संभालने का मौका है. पुरानी आदतें जो आपको मानसिक रूप से थका रही हैं, उन्हें पीछे छोड़ें और छोटे-छोटे बदलाव अपनाएं. याद रखें, स्ट्रेस को मैनेज करना कोई एक दिन का काम नहीं, बल्कि एक सतत प्रक्रिया है.

(यह लेख फोर्टिज हेल्थकेयर में हेड ऑफ डिपार्टमेंट, मेंटल हेल्थ और बिहेवियर साइंसेज की साइकोलॉजिस्ट डॉ. कामना छिब्बर से बातचीत पर आधारित है.)

Video: तनाव, चिंता से लेकर Relationship, Parenting तक हर जरूरी बात

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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