Intermittent Fasting Side Effects: इंटरमिटेंट फास्टिंग वर्तमान में सबसे पॉपुलर हेल्थ और फिटनेस ट्रेंड्स में से एक है. इसका इस्तेमाल आमतौर पर वजन कम करने के लिए किया जाता है. वजन घटाना बेहतर स्वास्थ्य और ऑलओवर हेल्थ से जुड़ा हुआ है. यह खाने का एक पैटर्न है जिसमें आपका दिन या हफ्ता, फास्ट और खाने में बंटा होता है. ज्यादातर डाइट आपको बताती हैं कि क्या खाना चाहिए वहीं दूसरी ओर, इंटरमिटेंट फास्टिंग इस बात पर जोर देती है कि कब खाना चाहिए. इंटरमिटेंट फास्टिंग को फॉलो करने वाले लोग आमतौर पर नाश्ता छोड़ कर अपनी नींद को बढ़ा देते हैं. वे लंच दोपहर के आसपास खाते हैं और उसके बाद रात 8 बजे से पहले रात का खाना खाते हैं.
इंटरमिटेंट फास्टिंग एक लोकप्रिय सोशल मीडिया ट्रेंड रहा है. कई मशहूर हस्तियों ने भी अपने शरीर में बदलाव के लिए रुक-रुक कर उपवास का सहारा लिया है. हालांकि, एक हालिया अध्ययन ने इंटरमिटेंट फास्टिंग के नुकसान के बारे में बताया है.
अध्ययन इस बात के बारे में कहा गया है कि अपने खाने को हर दिन केवल 8 घंटे तक सीमित करने से हार्ट डिजीज से मृत्यु का जोखिम 91 प्रतिशत बढ़ जाता है. अध्ययन के निष्कर्ष सोमवार को शिकागो में प्रस्तुत किए गए.
कैसे किया गया शोध?
शोधकर्ताओं ने 20,000 एडल्ट्स के एक ग्रुप की निगरानी की. उनके डाइट पैटर्न पर ध्यान देने के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि जिन पार्टिसिपेंट्स ने रुक-रुक कर उपवास किया यानि इंटरमिटेंट फास्टिंग की, उनमें हार्ट डिजीज से मरने की संभावना उन लोगों की तुलना में 91 प्रतिशत ज्यादा थी, जो ऐसा नहीं करते थे.
इसके अलावा, जिन लोगों को पहले से हार्ट रिलेटेड कोई समस्या थी, उनमें हार्ट डिजीज और स्ट्रोक से मौत का जोखिम 66 प्रतिशत ज्यादा था.
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में ह्यूमन मेटाबॉलिज्म के एमेरिटस प्रोफेसर कीथ फ्रेन ने यूके साइंस मीडिया सेंटर को एक बयान में कहा, "टाइम रिस्ट्रिक्टेड ईटिंग कैलोरी सेवन को कम करने के साधन के रूप में लोकप्रिय है."
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निष्कर्ष शिकागो में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के एपिडेमियोलॉजी और प्रिवेशन, लाइफस्टाइल और कार्डियोमेटाबोलिक साइंटिफिक सेशन 2024 में 18-21 मार्च को प्रस्तुत किए गए.
क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग? (What is intermittent fasting?)
दिन में कितनी बार और कितने घंटे के अंदर खाने का हमारे दिन पर क्या असर होता है? इन दिनों लोग सेहतमंद रहने और मोटापा घटाने के लिए दिन के कुछ घंटों तक सीमित कर देते हैं, जिसे टाइम रिस्ट्रिक्टेड ईटिंग कहा जाता है. ये एक तरह की इंटरमिटेंट फास्टिंग है. आजकल ये पॉपुलर है, जिसमें लोग खाने को 4 से 12 घंटे के भीतर सीमित कर देते हैं और बाकी समय कुछ नहीं खाते हैं खाली पेट रहते हैं. कई लोग 8 घंटे के अंदर ही खाना खाते हैं और 16 घंटे उपवास रखते हैं. यानि 8 घंटे में सब कुछ खा सकते है, लेकिन 16 घंटों में कुछ भी नहीं खाएंगे. इसी को इंटरमिटेंट फास्टिंग कहा जाता है. कई लोगों के बीच सेहत बनाए रखने के लिए ये चलन इन दिनों काफी पॉपुलर हुआ है.
डॉक्टर राहुल चंदोला बताते हैं कि, टाइम रिस्ट्रिटेड डाइट में लोग जिन घंटों को खाने के लिए चुनते हैं उनमें भी वे हेल्दी खाना नहीं चुनते हैं, क्योंकि इंटरमिटेंट फास्टिंग में टाइम रिस्ट्रिक्शन है न कि कैलोरी रिस्ट्रिक्शन. इसलिए खाने के घंटे के दौरान लोग कुछ भी खा रहे हैं, जो कि गलत है. जबकि मायने ये रखता है कि आप क्या खा रहे हैं. डॉक्टर ने कहा कि सभी को हेल्दी हार्ट डाइट फॉलो करने पर फोकस करना चाहिए, जिनमें शामिल हैं:
लो कैलोरी फूड्स
हेल्दी फैट्स
प्रोटीन
एंटी ऑक्सीडेंट्स
लो ट्रांस और सेचुरेटेड फैट्स
(डॉक्टर राहुल चंदोला, सीनियर हार्ट और लंग्स ट्रांसप्लांट सर्जन और इंस्टीट्यूट ऑफ हार्ट एंड लंग्स डिजीज एंड रिसर्च सेंटर के चेयरमैन)
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)