आज के समय में भारत में मोटापा एक बढ़ती हुई स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है, जो न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव डाल रही है. इस विषय पर कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. अंबुज रॉय ने कहा कि मोटापा कई स्वास्थ्य जोखिमों का कारण बन सकता है. इनमें कार्डियोवैस्कुलर जोखिम, दिल का दौरा, एंजाइना, स्ट्रोक, जोड़ों की समस्याएं, यकृत से जुड़ी बीमारियां और महिलाओं में एंडोक्राइन संबंधी समस्याएं जैसे पीसीओडी और बांझपन शामिल हैं. डॉ. रॉय ने बताया कि मोटापे से निपटने के लिए सबसे प्रभावी तरीका लाइफस्टाइल में बदलाव लाना है. नियमित व्यायाम और संतुलित आहार को अपने जीवन का हिस्सा बनाना इस समस्या को दूर करने में सहायक हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि मोटापा न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि यह मानसिक और भावनात्मक समस्याओं का कारण भी बन सकता है.
मोटापा और मानसिक स्वास्थ्य के बीच के संबंध- (Relationship between obesity and mental health)
मोटापा और मानसिक स्वास्थ्य के बीच के संबंध को लेकर सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि मोटापा और मानसिक स्वास्थ्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. जब लोग तनावग्रस्त होते हैं, तो मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार तनाव के कारण वे अधिक खाना खाने लगते हैं, जिसे 'स्ट्रेस-रिलेटेड ईटिंग' कहा जाता है." उन्होंने बताया कि जब कोई व्यक्ति मोटा हो जाता है और उसका शारीरिक आकार बदलता है, तो समाज में सुंदरता और फिटनेस के मानकों पर खरा नहीं उतरता, तो यह तनाव और आत्म-सम्मान की कमी का कारण बनता है.
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मोटापे के कारण- (Reasons for obesity)
डॉ. रॉय ने बताया कि मोटापे का कारण केवल खानपान और लाइफस्टाइल नहीं होते, बल्कि कुछ मामलों में जीन भी जिम्मेदार हो सकते हैं." उन्होंने कहा कि बच्चों में जो मोटापा देखा जाता है, वह कभी-कभी जीन से संबंधित हो सकता है. इसके अतिरिक्त, प्रदूषण और तनाव के कारण डीएनए में बदलाव भी मोटापे को उत्पन्न कर सकते हैं.
भारत में मोटापे के बढ़ते मामलों को लेकर उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों की लाइफस्टाइल का प्रभाव अब भारत में भी देखने को मिल रहा है. हमारी खाने की आदतें अब अमेरिकी स्टाइल जैसी हो गई हैं और इसके कारण मोटापे के मामले बढ़ रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यह समस्या केवल शहरी इलाकों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसका असर दिखाई दे रहा है. मोटापे से बचने के लिए हर व्यक्ति को अपनी लाइफस्टाइल में सुधार करना होगा, जिसमें आहार और व्यायाम दोनों महत्वपूर्ण पहलू हैं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)