आपका और हमारा ही नहीं गर्भ में पल रहे बच्चे का भी 'दम घोट' रहा है वायु प्रदूषण

भारत के कई शहरों में हर दिन वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. इसकी वजह से अस्थमा के मरीज ही नहीं बल्कि गर्भवती महिलाएं भी जूझ रही हैं.

आपका और हमारा ही नहीं गर्भ में पल रहे बच्चे का भी 'दम घोट' रहा है वायु प्रदूषण

वायु प्रदूषण गर्भ में पल रहे बच्चों के लिए खतरनाक

खास बातें

  • भारत के कई शहरों में हर दिन वायु प्रदूषण बढ़ रहा है.
  • बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर का खतरा ज्यादा रहता है.
  • इसका सेहत पर बुरा असर पड़ता है.
नई दिल्ली:

भारत के कई शहरों में हर दिन वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. इसकी वजह से अस्थमा के मरीज ही नहीं बल्कि गर्भवती महिलाएं भी जूझ रही हैं. वायु प्रदूषण के प्रभाव को लेकर एक चौंकाने वाला अध्ययन सामने आया है. इसमें बताया गया है कि उन बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर का खतरा ज्यादा रहता है जिनकी माओं ने अपने प्रेग्नेंसी के छठे से नौवें महीने के बीच वायु प्रदूषण का सामना किया हो.

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पीएम 2.5 वायु प्रदूषण का एक प्रकार है जो मोटर वाहन, तेल, कोयला या जैव ईंधन के जलने से पैदा होता है और इसका सेहत पर बुरा असर पड़ता है. 

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अमेरिका में जॉन हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर नोल टी म्यूलर ने कहा, ‘‘यह ऐसा पहला अध्ययन है जो यह दिखाता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान प्रदूषित हवा में सांस लेना सीधे तौर पर गर्भ में पल रहे बच्चे के बाल्यावस्था में उसके धड़कनों पर प्रभाव डालता है.’’ 
 
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मेनोपॉज के बाद महिलाओं में बढ़ता है दिल की बीमारियों का खतरा

‘हाइपरटेंशन’ जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन के वरिष्ठ लेखक म्यूलर ने कहा, ‘‘बच्चों में यह प्रदूषण बड़े होने पर भी उनमें हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनता है और इसी हाई बीपी की वजह से दिल से जुड़ी बीमारियां भी होती हैं. 

अनुसंधानकर्ताओं ने इस अध्ययन के लिए 1,293 माताओं और उनके बच्चों की जांच की थी जो बोस्टन बर्थ कोहोर्ट स्टडी का हिस्सा थे.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)