Winter Dehydration: ज्यादातर लोग यह मानते हैं कि डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी सिर्फ गर्मियों की समस्या है. गर्मी में पसीना आता है, लू चलती है और धूप में ज्यादा समय बिताने से शरीर जल्दी थक जाता है, इसलिए पानी पीने की जरूरत समझ में आती है. लेकिन, डॉक्टरों का कहना है कि सर्दियों में भी शरीर उतना ही नहीं, बल्कि कई बार उससे भी ज्यादा चुपचाप पानी खोता है. फर्क सिर्फ इतना है कि ठंड में हमें प्यास कम लगती है और इसी वजह से हम इस कमी को समय पर पहचान नहीं पाते.
डॉक्टर बताते हैं कि सर्दियों में ठंडी हवा त्वचा और फेफड़ों से नमी खींच लेती है. बाहर ठंड और अंदर हीटर या रूम हीटर की गर्मी मिलकर शरीर को अंदर से सुखाने का काम करती है. जब तक शरीर साफ संकेत देता है, तब तक हल्का या मध्यम डिहाइड्रेशन हो चुका होता है. यही कारण है कि सर्दियों में थकान, सिरदर्द, सुस्ती और त्वचा की समस्याएं आम हो जाती हैं.
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ठंडा मौसम शरीर से पानी कैसे कम करता है?
- सर्दियों की हवा में नमी बहुत कम होती है. जब हम सांस लेते हैं, तो शरीर से गर्म और नम हवा बाहर निकलती है और ठंडी, सूखी हवा अंदर जाती है. इस प्रक्रिया में बिना पसीना आए भी शरीर लगातार पानी खोता रहता है.
- इसके अलावा ठंड में पसीना जल्दी सूख जाता है, जिससे ऐसा लगता है कि शरीर से पानी निकल ही नहीं रहा. प्यास का एहसास भी कम हो जाता है, इसलिए लोग पानी पीना भूल जाते हैं.
सर्दियों में डिहाइड्रेशन बढ़ने के मुख्य कारण हैं:
- कम नमी वाली हवा त्वचा और फेफड़ों से पानी खींच लेती है.
- प्यास कम लगती है, इसलिए पानी कम पिया जाता है.
- पसीना जल्दी सूख जाता है, जिससे पानी की कमी समझ नहीं आती.
- ठंड में बार-बार पेशाब आना (कोल्ड डायूरेसिस).
इन सभी कारणों से शरीर बिना किसी साफ चेतावनी के धीरे-धीरे डिहाइड्रेट होता रहता है.
गर्म ड्रिंक्स हर बार मददगार क्यों नहीं होते?
- सर्दियों में लोग सादा पानी कम और चाय, कॉफी या हॉट चॉकलेट ज्यादा पीने लगते हैं. ये ड्रिंक्स शरीर को गर्माहट तो देते हैं, लेकिन इनमें मौजूद कैफीन कई बार शरीर से पानी बाहर निकालने की प्रक्रिया को तेज कर देता है.
- लगातार ऐसा होने पर एक-दो हफ्तों में थकान, सिरदर्द, चक्कर या शरीर में भारीपन महसूस होने लगता है, जिसे लोग अक्सर मौसम की वजह मानकर नजरअंदाज कर देते हैं.
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सबसे पहले असर त्वचा पर दिखता है:
डिहाइड्रेशन का सबसे पहला असर त्वचा पर नजर आता है. सर्दियों में बाहर की ठंडी हवा और अंदर की हीटर की गर्मी त्वचा की प्राकृतिक नमी छीन लेती है. अगर शरीर में पानी की कमी हो, तो त्वचा जल्दी रूखी, बेजान और संवेदनशील हो जाती है.
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डिहाइड्रेशन से जुड़ी आम त्वचा समस्याएं हैं:
- नाक और होंठों के आसपास पपड़ी पड़ना
- एड़ियों का फटना
- बाजुओं या पिंडलियों में खुजली
- एक्जिमा की समस्या बढ़ना
क्रीम और लोशन राहत देते हैं, लेकिन जब तक शरीर अंदर से हाइड्रेट न हो, तब तक इनका असर पूरा नहीं होता.
किन लोगों को ज्यादा सावधान रहना चाहिए?
कुछ लोगों में डिहाइड्रेशन का असर जल्दी दिखता है:
- किडनी की बीमारी या डायबिटीज वाले लोग
- फेफड़ों की पुरानी बीमारी वाले लोग, क्योंकि पानी की कमी से बलगम गाढ़ा हो जाता है.
- बुजुर्ग, जिनमें प्यास का एहसास कमजोर हो जाता है.
- छोटे बच्चे, जो खेल में पानी पीना भूल जाते हैं.
इन लोगों में कई बार लक्षण दिखने से पहले ही हल्का डिहाइड्रेशन हो चुका होता है.
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जबरदस्ती पानी पिए बिना खुद को हाइड्रेट कैसे रखें?
सर्दियों में पानी की कोई तय मात्रा नहीं होती, लेकिन सिर्फ प्यास लगने पर पानी पीना काफी नहीं है. बेहतर है कि रोजमर्रा की आदतों में छोटे बदलाव किए जाएं.
कुछ आसान उपाय:
- पास में गुनगुना पानी की बोतल रखें और थोड़ी-थोड़ी देर में घूंट लें.
- अगर सादा पानी अच्छा न लगे तो उसमें अदरक, नींबू या दालचीनी डालें.
- शरीर के संकेतों पर ध्यान दें, जैसे गाढ़ा पेशाब, फटे होंठ, रूखे हाथ.
- हर कप चाय या कॉफी के साथ थोड़ा पानी जरूर पिएं.
खाने से भी मिल सकता है पानी:
हाइड्रेशन सिर्फ पानी पीने से ही नहीं होता. सर्दियों के फल जैसे संतरा, सेब, नाशपाती और मौसमी शरीर को प्राकृतिक पानी देते हैं. इसके अलावा हल्का सूप, पतली दाल, सूपनुमा काढ़ा, नारियल पानी, छाछ और हल्की हर्बल चाय भी शरीर में पानी का संतुलन बनाए रखने में मदद करती हैं.
छोटी सी आदत जो आपकी सर्दी बदल सकती है:
सर्दियों की अपनी खूबसूरती होती है ठंडी सुबहें, गरम कपड़े, त्योहारों का स्वाद और सुकून भरी शामें. लेकिन, यह मौसम शरीर से थोड़ी ज्यादा देखभाल भी मांगता है. डिहाइड्रेशन के शुरुआती संकेत पहचान लेने से थकान, त्वचा की समस्याओं और कमजोर इम्यूनिटी से बचा जा सकता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














