डायबिटीज में इस तरीके से कर लिया चमत्कारिक मसाले का सेवन, शुगर कंट्रोल करने के लिए दोबारा नहीं पढ़ेगी किसी चीज की जरूरत

Dalchini Ke Fayde: यहां बताया गया है कि दालचीनी कैसे डायबिटीज और पीसीओएस को मैनेज करती है. इस मसाले में ऐसा क्या है कि इन दोनों कंडिशन का इलाज में मदद करता है.

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Cinnamon For Diabetes: दालचीनी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है जो शरीर को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाती है.

Cinnamon For Diabetes: दालचीनी कई औषधीय गुणों से भरपूर है. इस भारतीय मसाले में तेज सुगंध होती है और यह कई फूड्स और ड्रिंक्स में जान डाल देता है. दालचीनी स्टिक्स, पाउडर और छोटे टुकड़ों के रूप में उपलब्ध होती है. लोग दालचीनी के रेगुलर सेवन से होने वाले फायदों के बारे में नहीं जानते हैं. दालचीनी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है जो आपके शरीर को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचा सकती है. यह हार्ट हेल्थ के लिए भी बेहद फायदेमंद मानी जाती है. दालचीनी में ऐसे गुण भी होते हैं जो डायबिटीज और पीसीओएस वाले लोगों के लिए खासतौर से फायदेमंद होते हैं. जानिए क्यों इस मसाले को ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए कारगर माना जाता है.

डायबिटीज और पीसीओएस में फायदेमंद है दालचीनी | Cinnamon Is Beneficial In Diabetes And PCOS

1. डायबिटीज के लिए दालचीनी

दालचीनी ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने की अपनी क्षमता के लिए जानी जाती है. डायबिटीज शरीर की इंसुलिन पैदा करने की क्षमता को प्रभावित करता है. दालचीनी इंसुलिन के प्रभाव का बढ़ाती है और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकती है. यह शरीर को प्रभावी ढंग से इंसुलिन का उपयोग करने में मदद करती है.

यह कार्ब्स के टूटने को भी धीमा कर देता है जो स्थिर ब्लड शुगर लेवल को बढ़ावा देता है. कई अध्ययनों ने ब्लड शुर लेवल को कंट्रोल करने में दालचीनी की भूमिका को दर्शाया है.

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दालचीनी को अपनी डाइट में कम मात्रा में शामिल करना सुरक्षित माना जाता है. हालांकि, अगर आप डायबिटीज रोगी हैं, तो दालचीनी की मात्रा को समझना जरूरी है जिसे आप डेली बेसिस पर सुरक्षित रूप से खा सकते हैं.

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2. पीसीओएस के लिए दालचीनी

पीसीओएस और डायबिटीज के बीच एक संबंध है. रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के अनुसार, पीसीओएस से पीड़ित आधी से ज्यादा महिलाओं में 40 साल की आयु तक टाइप -2 डायबिटीज हो जाता है.

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पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में कई कारकों के कारण डायबिटीज होने का खतरा ज्यादा होता है. वजन बढ़ना, पारिवारिक इतिहास और इंसुलिन रेजिस्टेंस कुछ सामान्य कारक हैं. पीसीओएस हार्मोनल इनबैलेंस और ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाता है.

दालचीनी पीसीओएस के लक्षणों को मैनेज करने में मदद करती है. यह ब्लड शुगर लेवल के साथ-साथ मेंट्रुअल साइकिल को भी कंट्रोल करने में मदद कर सकता है. यह पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में डायबिटीज के जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकता है.

दालचीनी को डाइट में कैसे शामिल करें?

दालचीनी का उपयोग आप करी बनाते समय मसाले के रूप में कर सकते हैं. दालचीनी की चाय पीना इस मसाले के गुणों को अपनी डाइट में शामिल करने का एक सरल लेकिन प्रभावी तरीका है. आप हॉट चॉकलेट, चाय या दूध में दालचीनी पाउडर मिला सकते हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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