Intermittent Fasting Facts: अभी विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त सबसे लोकप्रिय हेल्थ और फिटनेस रिजीम में से एक इंटरमिटेंट फास्टिंग (आईएफ) है. इसका उपयोग लोग अपने जीवन को बेहतर बनाने, वजन कम करने और अपने स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए कर रहे हैं. कई अध्ययनों से पता चलता है कि यह आपके शरीर और मस्तिष्क पर एक मजबूत प्रभाव डाल सकता है. इंटरमिटेंट फास्टिंग आजमाने का मकसद वजन घटाना है. इंटरमिटेंट फास्टिंग के परिणामस्वरूप आपको कम भोजन करने के लिए मजबूर करके कैलोरी की खपत में कमी आ सकती है.
इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन घटाने में सहायता के लिए हार्मोन लेवल को भी मॉर्डिफाई करता है. यह हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाता है जो वसा, नॉरपेनेफ्रिन साथ ही वृद्धि हार्मोन और इंसुलिन लेवल (नॉरएड्रेनालाईन) को बर्न करता है. इन हार्मोनल परिवर्तनों के परिणामस्वरूप एक शॉर्ट फास्टिंग आपके मेटाबॉलिक रेट को बढ़ा सकता है.
इंटरमिटेंट फास्टिंग आपको लो कंजप्शन और अधिक कैलोरी बर्न करने में मदद करता है, जो कैलोरी समीकरण के दोनों पक्षों को बदल देता है जिसकी वजह से वजन कम होता है.
क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन कम करने का हेल्दी तरीका है?
इंटरमिटेंट फास्टिंग को वजन कम करने का एक कारगर तरीका माना जा सकता है. हालांकि रिस्ट्रिक्शन्स के कारण यह लाइफस्टाइल का एक उपयुक्त तरीका नहीं हो सकता है. जब तक सामान्य लो कैलोरी वाले आहार न हों, वजन कम करने और बनाए रखने के दीर्घकालिक समाधान के रूप में इंटरमिटेंट फास्टिंग को लागू नहीं किया जा सकता है.
इन 4 वजहों से होता है साइनस सिरदर्द, जानें इससे निपटने के आसान उपाय
छोटे-छोटे अंतराल में एक दिन में कई बार भोजन करना भोजन का सेवन करने का सही तरीका है, जिसकी कमी से व्यक्ति की सेहत और खराब हो सकती है. इंटरमिटेंट फास्टिंग के लिए लगभग आधी अवधि तक उपवास करने की जरूरत होती है.
इन स्थितियों में इंटरमिटेंट फास्टिंग अच्छे से ज्यादा नुकसान कर सकता है:
1. गर्भावस्था
गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इंटरमिटेंट फास्टिंग न करने की सलाह दी जाती है. जब मां गर्भवती हो या दूध पिला रही हो, तो रुक-रुक कर उपवास करने से बच्चे की ग्रोथ पर असर हो सकता है. बच्चे की हेल्दी ग्रोथ और दूध के उत्पादन को सुनिश्चित करने के लिए गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान कैलोरी की खपत पर्याप्त होनी चाहिए. इंटरमिटेंट फास्टिंग किसी की कैलोरी उपभोग करने की क्षमता को प्रभावित करेगा. इसलिए गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए इसकी सलाह नहीं दी जाती है.
2. डायबिटीज
अगर आपको डायबिटीज है और आप डायबिटीज की दवाएं, खासकर इंसुलिन ले रहे हैं, तो पहले अपने डॉक्टर से बात किए बिना और पूरी तरह से निगरानी किए बिना इंटरमिटेंट फास्टिंग का अभ्यास न करें. इंटरमिटेंट फास्टिंग और डायबिटीज की दवाओं के संयोजन से खतरनाक रूप से लो ब्लड शुगर लेवल हो सकता है.
3. खराब इम्यूनिटी
जो लोग अभी-अभी ठीक हुए हैं या वर्तमान में एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, उन्हें आईएफ में भाग नहीं लेना चाहिए. ज्यादातर समय लीन बॉडी मास और एक मजबूत इम्यून सिस्टम को बनाए रखने के लिए पर्याप्त कैलोरी की जरूरत होती है.
हार्ट अटैक आने से पहले दिखने लग जाते हैं ये 8 लक्षण, पहचानने में की गलती तो बढ़ जाएगी बात
4. पाचन संबंधी समस्याएं
इंटरमिटेंट फास्टिंग पाचन समस्याओं को और खराब कर सकता है. अपने एक्सटेंड फास्टिंग पीरियड में इंटरमिटेंट फास्टिंग संभावित रूप से पाचन समस्याओं को खराब कर सकता है. फास्टिंग पीरियड पाचन तंत्र के नियमित कार्यों में हस्तक्षेप कर सकती है.
5. नींद की समस्या
भावनात्मक स्थिरता बनाए रखने, संज्ञानात्मक कार्य को बनाए रखने और व्यायाम के बाद मांसपेशियों को ठीक करने और पुनर्जीवित करने के लिए नियमित रूप से पर्याप्त नींद लेना जरूरत है. इंटरमिटेंट फास्टिंग आपके स्लीप पैटर्न को बदल सकता है.
इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन घटाने में मददगार साबित हो सकता है लेकिन लंबे समय तक इसका पालन नहीं किया जा सकता है. अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं या वजन को मेंटेन रखना रखना चाहते हैं, तो ऐसे आहार का पालन करने का प्रयास करें जिसमें में आप दिन में कई बार भोजन करते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.