ब्रेन ट्यूमर का नाम सुनकर ही मरीज डर जाते हैं. क्या इस गंभीर बीमारी का इलाज संभव है और इनके इलाज के लिए क्या तरीके अपनाए जाते हैं. इन सब सवालों का जवाब जानने के लिए NDTV ने बात कि डॉ अजय चौधरी (Ajay Chaudhary) से, चलिए जानते हैं, उन्होंने क्या जानकारी दी.
कौन से ट्यूमर हो सकते हैं पूरी तरह ठीक? (Which tumors can be completely cured?)
डॉ अजय ने कहा कि कुछ ब्रेन ट्यूमर टोटली क्यूरेबल हैं. आज के डेट में जो क्लासिफिकेशन अवेलेबल वो पैथोलॉजिकल ग्रेडिंग पर बेस्ड है. ग्रेड वन ट्यूमर जो बेनाइन हैं वो लगभग क्यूरेबल होते हैं.
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क्या ग्रेड वन में ट्यूमर का पता लगने का चांस होता है कम-
डॉ अजय ने कहा कि हां जब ट्यूमर ग्रेड वन में होता है तब मरीज के हमारे पास आने के चांस कम होते हैं. क्योंकि एक तो इसको लेकर अवेयरनेस नहीं है और दूसरा जो गांव के पेशेंट हैं या जो पुअर इकोनॉमिक्स स्टेटस से आते हैं उन्हें इसी बीमारी के बारे में इतनी जानकारी नहीं होती हैं. जब इसके छोटे-मोटे सिम्टम नजर आते हैं तो डॉक्टर के पास जाने के बजाय ये लोग घरेलू उपाय अपनाते हैं. खासतौर पर महिलाएं परिवार में अपनी तकलीफ नहीं बताती हैं, जब ट्यूमर बड़ा हो जाता है और उसके लक्षण ज्यादा प्रॉमिनेंट हो जाते हैं, तब वो हमारे पास आती हैं.
ट्यूमर के ट्रीटमेंट- (Tumor treatment)
डॉ अजय ने कहा सिर्फ कैंसरस ट्यूमर को छोड़ दें तो बाकी के ट्यूमर चाहें डेंजरस लोकेशन है, पर ही क्यों न हो, अडवांस फैसिलिटी की वजह से आज उनके लिए अच्छा ट्रीटमेंट अवेलेबल है. मोस्ट ऑफ द ट्यूमर में सर्जरी हमारी फर्स्ट चॉइस होती है एक्सेप्ट जर्मिनल सेल ट्यूमर जिसे जर्मिनोमा कहते हैं जो फ्रंटल लोब में होता है. क्योंकि ये ट्यूमर रेडिएशन से भी गल जाते हैं उसके अलावा ज्यादातर ट्यूमर के लिए हम सर्जिकल, रेडिएशन और गामा नाइफ का ऑप्शन अपनाते हैं.
गामा नाइफ क्या है? (What is a Gamma Knife?)
उन्होंने बताया कि गामा नाइफ एक तरह की रेडियोसर्जरी है, यह रेडिएशन का ही एक पार्ट होता है जिसमें कोबाल्ट से रेडिएशन का सोर्स लिया जाता है. इसका एक ही डोज में या कभी-कभी एक से ज्यादा डोज भी मरीज को देना पड़ता है. उस डोज से ट्यूमर धीरे-धीरे गलने लगता है. गामा नाइफ में सिर्फ ट्यूमर को टारगेट करते हैं.
कई ट्यूमर जो डिफिकल्ट लोकेशन पर होते हैं और जिनको ऑपरेट करना रिस्की है, वहां पर गामा नाइफ दिया जाता है और इसके रिजल्ट्स भी अच्छे हैं. जो एडवांस वर्जन ऑफ गामा नाइफ आए हैं वो लोकलाइज टारगेटिंग करते हैं. यानी सिर्फ ट्यूमर को टारगेट करते हैं. उन्होंने बताया कि गामा नाइफ कई तरह के ट्यूमर में यूज हो रहे हैं जिसमें बेनाइन और कैंसरस दोनों तरह के ट्यूमर शामिल हैं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)