Wheat Roti vs Jowar Roti: गेहूं या ज्वार की रोटी, डायबिटीज और वज़न घटाने के लिए कौन सी रोटी सबसे ज्यादा सेहतमंद है?

Ragi vs Jowar Vs Wheat Roti: Which is the healthiest?: आइए जानते हैं कि गेहूँ की रोटी vs ज्वार की रोटी में कौन सी बेहतर है और आपको अपनी सेहत के लिए किसका चुनाव करना चाहिए.

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Ragi vs Jowar Vs Wheat Roti: Which is The Healthiest?

Ragi vs Jowar Vs Wheat Roti: Which is the healthiest?: भारतीय भोजन में रोटी का स्थान सबसे खास है. हमारी थाली में दो रोटियां हमेशा चर्चा में रहती हैं: गेहूँ की रोटी (Wheat Roti) और ज्वार की रोटी (Jowar Roti). गेहूँ की रोटी जहाँ सदियों से हमारे घरों में रोज़ाना बनती आई है, वहीं ज्वार (Sorghum) अपनी पोषण शक्ति के कारण तेज़ी से लोगों की पसंद बन रहा है.

भले ही दोनों ही रोटियां भारतीय व्यंजनों का अभिन्न हिस्सा हैं, लेकिन बनावट, स्वाद और स्वास्थ्य लाभों के मामले में दोनों एक-दूसरे से काफी अलग हैं. आइए जानते हैं कि गेहूँ की रोटी vs ज्वार की रोटी में कौन सी बेहतर है और आपको अपनी सेहत के लिए किसका चुनाव करना चाहिए.

ज्वार की रोटी और गेहूं की रोटी में से कौन सी बेहतर है? | Ragi vs Jowar Vs Wheat Roti: Which is The Healthiest? 

गेहूँ की रोटी: हर दिन का साथी और आसान विकल्प

गेहूँ की रोटी को भारत में सबसे ज़्यादा खाया जाता है. इसका नरम, मुलायम होना और आसानी से फूल जाना इसे हर घर में लोकप्रिय बनाता है.

गेहूँ की रोटी की खासियत (Gehu Ki Roti Khane Ke Fayde): 

  • ग्लूटेन की मदद: गेहूँ में ग्लूटेन (Gluten) होता है, जिसकी वजह से आटा गूंदना और रोटी बेलना बहुत आसान होता है. ग्लूटेन ही रोटी को फूलने में मदद करता है.
  • ऊर्जा का स्रोत: इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) मध्यम (60 से 70) होता है. यह शरीर को धीरे-धीरे ऊर्जा देती है और मज़बूत पाचन वाले लोगों के लिए आदर्श है.
  • फाइबर: साबुत गेहूँ के आटे से बनी रोटी में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है.

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ज्वार की रोटी: पोषक तत्वों का भंडार और ग्लूटेन-फ्री विकल्प

ज्वार की रोटी, जिसे सोरघम (Sorghum) भी कहते हैं, पारंपरिक अनाज से बनी रोटी है. यह उन लोगों के लिए बेहतरीन विकल्प है जो अपनी डाइट को पौष्टिक बनाना चाहते हैं.

ज्वार की रोटी की खासियत (Jowar Ki Roti Khane Ke Fayde): 

  1. ग्लूटेन-फ्री: ज्वार प्राकृतिक रूप से ग्लूटेन-फ्री होती है. इसलिए जिन लोगों को ग्लूटेन संवेदनशीलता (Gluten Sensitivity) है, उनके लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है.
  2. कम GI और ज़्यादा फाइबर: ज्वार का ग्लाइसेमिक इंडेक्स गेहूँ से काफी कम (लगभग 50) होता है. इसमें फाइबर की मात्रा भी अधिक होती है, जो आपको लंबे समय तक भरा रखता है.
  3. खनिज (Minerals): ज्वार आयरन, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे ज़रूरी खनिजों से भरपूर होती है.
  4. बनावट और बनाने की चुनौती: ज्वार की रोटी गेहूँ की तुलना में थोड़ी मोटी और सघन (Dense) होती है. ग्लूटेन न होने के कारण इसे बेलना थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन एक बार महारत हासिल करने पर यह बहुत स्वादिष्ट लगती है.

सेहत के लिए कौन सी बेहतर है?

जब बात सेहत की आती है, तो ज्वार की रोटी अक्सर बेहतर विकल्प साबित होती है, खासकर इन मामलों में:

  • वज़न घटाना: ज्वार में फाइबर अधिक होता है और यह देर से पचती है, जिससे भूख कम लगती है.
  • डायबिटीज: ज्वार का कम GI इसे डायबिटीज के मरीज़ों के लिए सबसे उपयुक्त बनाता है, क्योंकि यह ब्लड शुगर को तेज़ी से बढ़ने नहीं देती.
  • पाचन: ज्वार, गेहूँ की तुलना में धीरे-धीरे और आसानी से पचती है, जिससे पाचन तंत्र पर कम दबाव पड़ता है.

आपकी डाइट में गेहूँ की रोटी vs ज्वार की रोटी दोनों ही शामिल हो सकती हैं. अगर आप वज़न घटा रहे हैं, डायबिटिक हैं, या ग्लूटेन से बचना चाहते हैं, तो ज्वार की रोटी को अपनी डाइट का मुख्य हिस्सा बनाएं. अन्यथा, आप दोनों रोटियों को बारी-बारी से खाकर स्वाद और पोषण का संतुलन बनाए रख सकते हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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