अगर आप वजन कम करने के लिए हर तरह की कोशिश कर के हार चुके हैं और फिर भी वो कम होने का नाम नहीं ले रहा है, तो हो सकता है कि आपके हॉर्मोन आपकी सोच से ज़्यादा बड़ा रोल प्ले कर रहे हैं. कई महिलाएं लटकते हुए पेट और जिद्दी चर्बी से जूझती हैं जो कम होने का नाम नहीं लेती है. आपने शायद सब कुछ आजमा लिया हो- कैलोरी कम करना, कड़ी कसरत करना और यहाँ तक कि फास्ट करना भी, लेकिन वजन कम होने का नाम नहीं ले रहा. आपको जानकर हैरानी होगी की वजन कम ना होने की एक वजह आपके पीरियड्स पर भी निर्भर करती है. वेट मैनेजमेंट एक्सपर्ट नेहा परिहार का सजेशन है कि इस वजन को कम करने के लिए आपकी डाइट और आपके पीरियड्स के बीच बैलेंस बिठाना चाहिए. उनकी एक क्लाइंट को भी इसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ा, और जब उसने अपने पीरियड्स साइकिल के हिसाब से खाना शुरू किया, तो उसका शरीर उसके खिलाफ काम करने के बजाय उसके साथ काम करने लगा.
वजन घटाने के लिए अपनी साइकिल के हिसाब से खाना चाहिए
परिहार ने इंस्टाग्राम पर अपनी स्टेप-बाय-स्टेप डाइट प्लान योजना का खुलासा किया, जिसमें बताया गया कि पीरियड्स का प्रत्येक स्टेप मेटाबॉलिज्म और फैट को कैसे प्रभावित करता है.
फॉलिक्युलर स्टेप (दिन 1-14)
यह स्टेप पूरी तरह से एनर्जी और नवीनीकरण के बारे में है. ओट्स, दाल और सीड्स जैसे लाइट, फ्रेश और हाई एनर्जी वाले फूड आइटम्स पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए. फैट को कम करना बढ़ाने के लिए कार्डियो वर्कआउट को शामिल करने का यह सबसे अच्छा समय भी है.
ओव्यूलेटरी स्टेप (मिड-साइकिल)
पनीर, अंडे और दाल जैसे प्रोटीन युक्त फूड आइटम्स से बैलेंस फूड क्रेविंग को कम रखने में मदद करता है. इस स्टेप के दौरान एक्सरसाइज आपके मेटाबॉलिज्म और मांसपेशियों के निर्माण को बढ़ाती है.
ल्यूटियल स्टेप (दिन 15-28)
ये वो समय है जब पीएमएस के लक्षण, स्वैलिंग और क्रेविंग होती है. पालक, डार्क चॉकलेट और कद्दू के बीज जैसे मैग्नीशियम युक्त फूड आइटम्स इन समस्याओं से निपटने में मदद कर सकते हैं. साबुत अनाज और हाइड्रेशन को प्राथमिकता देना भी फायदेमंद है.
पीरियड्स के समय
क्योंकि पीरियड्स के दौरान एनर्जी का लेवल गिर जाता है, इसलिए चुकंदर, खजूर और पकी हुई सब्जियों जैसे आयरन बढ़ाने वाले फूड आइटम्स पर ध्यान देना जरूरी है. योग या पैदल चलने जैसे हल्के, कम तीव्रता वाले व्यायाम रिकवरी में मदद करते हैं.
इन सब बातों का ध्यान रखने के बाद नेहा के क्लाइंट ने पाया कि कुछ ही हफ़्तों के अंदर, सूजन कम हो गई, ऊर्जा का लेवल बढ़ गया और उसके शरीर से मांसपेशियों की जगह चर्बी कम होने लगी. छठे हफ्ते तक, उसके पेट की चर्बी में एक स्पष्ट बदलाव दिखाई देने लगा और 12वें हफ़्ते तक, उसका वजन अच्छा खासा कम हो गया.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)