Uric Acid Badhne Par Kaun Si Daal Khani Chaiye: यूरिक एसिड हमारे शरीर में एक ऐसा वेस्ट पदार्थ है जो मुख्य रूप से अपशिष्ट के तौर पर बनता है और ये यूरिन के जरिए शरीर से बाहर निकल जाता है. लेकिन जब ये हमारे शरीर से बाहर नहीं निकल पाता है और शरीर में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ने लगता है तो कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. यूरिक एसिड बढ़ने पर जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या हो जाती है. जब हमारे शरीर में यूरिक एसिड बढ़ता है तो प्रोटीन से भरपूर फूड आइटम्स का सेवन कम करने की सलाह दी जाती है. ऐसे में इससे जुड़े कई सवाल है जो लोगों के मन में उठते हैं कि आखिर यूरिक एसिड बढ़ने पर क्या खाना चाहिए क्या नहीं खाना चाहिए. जैसे कि किस तरह की दालें नहीं खानी चाहिए? आइए जानते हैं कि यूरिक एसिड के मरीज किन दालों का सेवन कर सकते हैं और किन चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए.
यूरिक एसिड बढ़ने पर कौन-कौन सी दालें खानी सुरक्षित हैं? ( Uric Acid Badhne par Kaun si Daal Khani Chaiye)
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मसूर दाल
मसूर दाल उन दालों में से है जिसे यूरिक एसिड की समस्या में सीमित मात्रा में खाया जा सकता है. इसे बेहतर पचाने के लिए भिगोकर पकाना फायदेमंद रहता है. आप मसूर दाल को दाल, सूप या हल्की सब्जी के रूप में ले सकते हैं. ध्यान रखें कि इसका सेवन संतुलित मात्रा में ही करें.
काला चना
यूरिक एसिड बढ़ने वाले लोग काले चने का भी सेवन कर सकते हैं, क्योंकि यह पौष्टिक होता है. हालांकि काला चना प्रोटीन से भरपूर होता है, इसलिए इसे भी भिगोकर पकाना चाहिए और मात्रा नियंत्रित रखनी चाहिए.
मूंग दाल
मूंग दाल को यूरिक एसिड के लिए सबसे उपयुक्त दाल माना जाता है. यह हल्की होती है और पचाने में आसान भी, साथ ही इसमें प्यूरीन की मात्रा कम होती है, जो यूरिक एसिड बढ़ाने वाले तत्वों से मुक्त रहती है. इसलिए मूंग दाल को आराम से अपनी डाइट में शामिल किया जा सकता है.
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किन दालों का सेवन करने से बचना चाहिए?
चना दाल, अरहर दाल और राजमा जैसी दालों में प्यूरीन की मात्रा ज्यादा होती है. प्यूरीन शरीर में यूरिक एसिड बढ़ाने में योगदान देता है, इसलिए इन दालों का सेवन यूरिक एसिड बढ़ने पर नहीं करना चाहिए. साथ ही, दालों का सेवन हमेशा नियंत्रित मात्रा में ही करना चाहिए और बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर या पोषण विशेषज्ञ से इस बारे में सलाह जरूर लें.
यूरिक एसिड की समस्या होने पर आपको अपने खान-पान का ध्यान रखने की जरूरत होती है. इसलिए आपको किसी भी दाल का चयन और उसे सही तरीके से पकाना बहुत जरूरी है. भिगोकर पकाने से दाल में मौजूद प्यूरीन की मात्रा कुछ हद तक कम हो सकती है, जिससे शरीर पर इसका बुरा प्रभाव कम पड़ता है. मसूर दाल, मूंग दाल और काला चना हेल्दी ऑप्शन हैं, लेकिन चना दाल, अरहर और राजमा से परहेज करना चाहिए.
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