नई दिल्ली: Turmeric For Diabetes: कहते हैं कि हल्दी, हर रोग का इलाज होती है। शरीर में अंधरूनी चोट लगने पर जब मां हल्दी डालकर दूध पीने के लिए कहती है, तो बच्चे इसको पीने से दूर भागते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हल्दी से टाइप-2 डायबिटीज़ तक ठीक की जा सकती है। प्रोफेसर मनोहर गर्ग द्वारा निर्देशन यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूट्राक्यूटीकल्स रिसर्च ग्रुप के स्वास्थ्य वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने रोग-विषयक अध्ययन करने के लिए करीब 80 लोगों को नियुक्त किया है। इसमें ये सभी लोग जांच से पता लगाएंगे कि अगर हल्दी में मौजूद करक्यूमिन पदार्थ को ओमेगा-3 फैट में मिलाया जाए, तो क्या टाइप-2 डायबिटीज़ को रोका या ठीक किया जा सकता है या नहीं।
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गर्ग का कहना था कि “टाइप-2 डायबिटीज़ के होने का कारण सिस्टेमिक (शरीर के पूरे क्रम को प्रभावित करने वाला) इंफ्लेमेशन (सूजन) होता है, जो इंसूलिन के कार्य और स्त्राव पर प्रभाव डालता है। शोध को करने के लिए खाने में पाए जाने वाले दो बायोएक्टिव पदार्थ का इस्तेमाल किया जाएगा, करक्यूमिन और ओमेगा-3 फैट। यह दोनों ही एक तरह से एंटी-इंफ्लेमेट्री एजेंट हैं”।
करक्यूमिन, हल्दी में उत्पन्न होने वाला पदार्थ है। यह अदरक के परिवार का हिस्सा है, जो खाने को रंग देने के लिए डाला जाता है। भारत में इसे चिकित्सक गुण रखने की वजह से जाना जाता है।
खरोंच के निशान, मोच, ज़ख्म और सूजन को ठीक करने के लिए हल्दी को सदियों से इस्तेमाल में लाया जा रहा है। भारत में लोगों द्वारा लिए जा रहे फास्ट फूड की वजह से करक्यूमिन (हल्दी) को लेने की मात्रा कम हो गई है, जिससे टाइप-2 डायबिटीज़ की समस्या बढ़ती जा रही है।
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इन दोनों ही पदार्थों को जांचने के लिए 80 लोगों को चार ग्रुप में बांटा गया है। पहले ग्रुप को करक्यूमिन, दूसरे को ओमेगा-3 फैट और तीसरे को यह दोनों ही पदार्थ दिए गए हैं। चौथे और आखिरी ग्रुप को सभी पर नियंत्रण रख संचालित करने का काम दिया गया है।
गर्ग का कहना था कि “करक्यूमिन और ओमेगा-3 दोनों ही पदार्थों की एंटी-इंफ्लेमेट्री प्रक्रिया अलग होती है। इसलिए हम लोग टेस्ट कर यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि इन्हें अलग-अलग लेने से अच्छा अगर मिलाकर लिया जाए, तो क्या डायबिटीज़ जैसी बीमारी को ठीक किया जा सकता है। हमारा मानना है कि इन दोनों को मिलाकर खाने का नतीजा सुरक्षित है। साथ ही इसके इस्तेमाल से शरीर को किसी भी तरह का साइड-इफेक्ट नहीं होगा। डायबिटीज़ जैसी बीमारी को सही रखने के लिए जो लोग दवाइयों का सेवन करते हैं, उनके लिए अब इन दोनों ही पदार्थों को लेना ज़्यादा प्रभावशाली रहेगा”।
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