Colorectal Cancer: कोलोरेक्टल कैंसर एक ऐसा कैंसर है, जो दुनिया में तीसरा सबसे कॉमन कैंसर बन चुका है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक जितने कैंसर डायग्नोसिस होते हैं उसमें से दस परसेंट कोलोरेक्टल कैंसर ही निकलता है. इस कैंसर के होने की भी बड़ी वजह लाइफस्टाइल ही है. सेडेंटरी लाइफस्टाइल, सिगरेट पीने की लत, ओबेसिटी और अल्कोहल का ज्यादा मात्रा में सेवन इस कैंसर का बड़ा कारण हैं. इसके अलावा ज्यादा रेड मीट खाना और फलों का बहुत कम सेवन भी इस कैंसर के डेवलप होने का कारण हो सकता है. हाई फाइबर डाइट और बहुत सारे फल खाने वाले इस कैंसर के रिस्क पर कम होते हैं. अब एक स्टडी में ये भी सामने आया है कि योगर्ट यानी कि दही खाने वालों में भी कोलोरेक्टल कैंसर का रिस्क कम होता है.
दही से कम होगा कैंसर होने का खतरा?
मास जनरल ब्रिघम की गट माइक्रोब्स नाम के जर्नल पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक योगर्ट में कई तरह के बैक्टीरिया होते हैं. Lactobacillus Bulgaricus और Streptococcus Thermophiles ऐसे बैक्टीरियाज हैं जो दूध को फर्मेंट कर दही में कंवर्ट करते हैं. इसके अलावा भी इसमें कुछ प्रोबायोटिक स्ट्रेन्स एड किए जा सकते हैं. रिसर्च में कहा गया है कि प्रोबायोटिक्स इम्यून सिस्टम को बूस्ट करते हैं. गट हेल्थ को इंप्रूव करते हैं. साथ ही ओस्टियोपोरोसिस का खतरा भी कम करते हैं. इसके अलावा दही की वजह टाइप 2 डायबिटीज, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज और कुछ कैंसर का रिस्क भी कम हो सकता है.
क्या दही से कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा कम होता है, ये जानने के लिए रिसर्चर्स ने नर्सेस हेल्दी स्टडी और हेल्थ प्रोफेशनलस फॉलोअप स्टडी के डाटा को यूज किया. जिन्होंने एक लाख महिला नर्स को साल 1976 से और 51 हजार पुरुष नर्स को 1986 से ऑब्जर्व किया था. इस डेटा में उनसे उनकी लाइफस्टाइल से जुड़े सवाल पूछे गए थे.
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क्या दही खाने वालों में कम था कोलोरेक्टल कैंसर?
हालांकि दही खाने वालों में कोलोरेक्टल कैंसर को लेकर रिसर्चर किसी खास नतीजे पर नहीं पहुंच सके. लेकिन एक बात जरूर सामने आई कि ज्यादा दही खाने वालों में Bifidobacterium Positive ट्यूमर 20 प्रतिशत तक कम दिखा. न्यूट्रीशनिस्ट केल्सी कोस्टा के अनुसार Bifidobacterium कोलोरेक्टल कैंसर के रिस्क पर असर डाल सकता है. आपको बता दें कि कोस्टा इस स्टडी का हिस्सा नहीं थीं.
उन्होंने कहा कि योगर्ट की वजह से शॉर्ट चैन फैटी एसिड्स बनते हैं जिसमें एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी इंफ्लेमेटरी और इम्यूनिटी बूस्टिंग तत्व होते हैं जो इसे एंटी कैंसर प्रॉपर्टीज देते हैं.
योगर्ट को डाइट में शामिल करने के फायदे
योगर्ट भी बहुत तरह के होते हैं. जानकार हमेशा बाजार में मिलने वाले फ्रूट फ्लेवर्ड योगर्ट से बचने की सलाह देते हैं. क्योंकि, इसमें एडेड शुगर हो सकती है. इसलिए नेचुरल योगर्ट खाना ज्यादा फायदेमंद होता है.
योगर्ट में कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम, विटामिन ए, विटामिन बी 2 और विटामिन बी 12 मौजूद होता है. साथ ही प्रोटीन और फैटी एसिड्स भी खूब होते हैं. जो इसे एक अच्छा प्रोबायोटिक भी बनाते हैं.
फुल फैट ट्रेडिशनल ग्रीक योगर्ट खाने से बोन हेल्थ भी अच्छी होती है. मसल मास बनता है. हाई बीपी और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा भी कम होता है. ये योगर्ट मेंटल हेल्थ के लिए भी अच्छा माना जाता है.
योगर्ट रेसिपी
सामग्री:
- 2 कप गाढ़ा दही (ग्रीक योगर्ट बेहतर है)
- 2-3 चम्मच शहद या चीनी (स्वादानुसार)
- 1/2 कप कटे हुए फलों का मिश्रण (जैसे स्ट्रॉबेरी, आम, केला, सेब, ब्लूबेरी आदि)
- 1-2 चम्मच क्रश किए हुए मेवे (बादाम, काजू या अखरोट, ऑप्शनल)
- 1/2 चम्मच वेनिला एसेंस (ऑप्शनल)
रेसिपी:
दही को एक बड़े कटोरे में डालें और इसे चिकना और क्रीमी होने तक अच्छे से फेंट लें. अगर ग्रीक योगर्ट नहीं है, तो आप नॉर्मल दही को मलमल के कपड़े में लटकाकर उसका एक्सट्रा पानी निकाल सकते हैं. अब फेंटे हुए दही में शहद या चीनी और वेनिला एसेंस डालकर सभी चीजों को अच्छी तरह से मिक्स कर लें.
अब कटे हुए फलों को दही में डालें और हल्के हाथ से मिला लें ताकि फल टूटे नहीं. तैयार योगर्ट को एक कटोरे में निकालें और ऊपर से क्रश किए हुए मेवे से गॉर्निश कर इसे ठंडा करके सर्व करें.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)